मौसम का बदलता रूख भीषण गर्मी से जनजीवन हुआ अस्त व्यस्त
फारुख हुसैन
लखीमपुर खीरी ÷ लखीमपुर खीरी ÷मौसम के रूख लगातार बदलता जा रहा है जिसके कारण अब न समय पर बारिश होती है न सर्दी न गर्मी बस यह अपना रूख कब बदल दें कुछ कहां नहीं जा सकता ।अब जिस तरह से तेज धूप और उमस भरी गर्मी से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है कि पूछिये मत अब तो बस सभी यहीं सोच रहें हैं की पता नहीं कब होगी बरसात, पसीना पोछते-पोछते जी उब गया है।
न तो घर में चैन है और न ही बाहर ही आराम। आसमान से बरस रहे अंगारों ने सभी को बेहाल करके रख दिया है। लोग विवश होकर अब यही कहने लगे हैं कि लगता है कि अब बारिश नहीं होगी।गर्मी का आलम यह है कि पारा मंगलवार को लगभग 44 तक पहुंचा रहा। लगातार कई दिनों से पड़ रही भीषण गर्मी के चलते मनुष्य क्या जीव ज॔तु भी परेशान हैं। सुबह से ही कड़ी धूप होने लग रही है और इसका असर देर शाम तक बना रहता है। सुबह आठ बजे के बाद से ही घर से निकलना मुश्किल हो जा रहा है। अगर किसी कार्यवश निकलना भी पड़ता है, तो चेहरे को कपड़े से ढके रहना पड़ता है। यहां तक कि छाता का भी सहारा लिया जा रहा है। कुछ दिनों से हवा भी चल रही है, लेकिन दोपहर में यह गर्म हो जा रही है और इसके चलते घरों में उमस हो जा रहा है। कूलर-पंखा भी बेअसर हो जा रहे हैं। भीषण गर्मी के कारण लोग पसीने से तरबतर हो जा रहे हैं।
धूप की तीखी किरण से लोगों के शरीर का पानी तेजी से सूख जा रहा है। दोपहर में घर से निकलने वाले लोग अगर हर आधे घंटे के अंतराल पर पानी न पियें, तो बीमारी की चपेट में आ जा रहे हैं। सिर में दर्द, शरीर सुस्त और आंखों पर अलग से असर पड़ रहा है। असहनीय धूप से लोग बिलबिला उठे हैं। वहीं लगातार कई दिनों से आसमान में बादलों के टुकड़े भी उमड़ते-घुमड़ते दिख रहे हैं, लेकिन बारिश के आसार नहीं दिख रहे। लोग पसीना पोछते-पोछते ऊब चुके हैं। पड़ रही भीषण गर्मी की दशा को बयां करते-करते थक चुके हैं, बस अब बारिश होने की आस में हैं, ताकि राहत मिल सके।