प्रियंका ने पुरे किये वायदे, सोनभद्र हिंसा में मृतकों के परिजनों को दस-दस लाख के चेक, घायलों को दिये एक एक लाख
आदिल अहमद
नई दिल्ली: सोनभद्र हिंसा में प्रभावित हुए लोगों को कांग्रेस महासचिव एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी ने आर्थिक सहायता प्रदान की है। प्रियंका गांधी ने सोनभद्र की घटना के बाद सोनभद्र दौरे के दौरान इन लोगों को सहायता राशि देने की घोषणा की थी। कल शनिवार को उन्होंने यह वायदा अपना पूरा कर दिया जब उभ्भा गांव पहुंचे कांग्रेस सचिव ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख के चेक और गंभीर रूप से घायल 9 लोगो को एक एक लाख का चेक प्रदान किया।
प्रियंका ने शनिवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव बाज़ीराव खड़े और अन्य नेताओं को भेजकर मृतक के परिजनों को दस-दस लाख रूपये और गम्भीर रूप से घायल 9 लोगों को एक एक लाख रूपये का चेक दिया है। बाजीराव ने पत्रकारों से कहा कि ”हर एक नागरिक के प्रति हमारा कर्तव्य है की उनके दुःख में हम उनके साथ खड़े हों, प्रियंका गांधी के वायदे को पूरा करने के लिए हमें यहां भेजा गया है। कांग्रेस पार्टी हमेशा ग़रीबों के उज्जवल भविष्य के सपने व बराबरी के अधिकार के लिए गरीबों कमज़ोरों के साथ खड़ी है।
बता दें उभ्भा में हुए ज़मीनी विवाद में दस लोगों के मारे जाने तथा ढाई दर्जन के घायल होने के बाद प्रियंका गांधी ने 19 जुलाई को उभ्भा गांव जाने का कार्यक्रम बनाया था। पहले वाराणसी पहुंचकर ट्रामा सेंटर में उन्होंने सोनभद्र हिंसा में भर्ती घायलों का हाल चाल जाना। इसके बाद वे सोनभद्र के उम्भा गांव निकल पड़ी। हांलाकि प्रशासन ने उन्हें मिर्ज़ापुर के नारायणपुर में हिरासत में लिया और उन्हें चुनार ले जाया गया जहां उन्होंने कुछ पीड़ितों से मुलाक़ात की और सहायता का आश्वासन दिया था।
पीडि़त परिवारों से मुलाकात के बाद प्रियंका ने 20 जुलाई को संवाददाताओं से कहा था, ”इन बच्चों ने अपने माता पिता खो दिये हैं। कुछ परिवार ऐसे हैं, जिनके बच्चे और माता पिता अस्पताल में भर्ती हैं। ये लोग पिछले डेढ महीने से अपनी दिक्कतों के बारे में प्रशासन को सूचित कर रहे थे।” उन्होंने कहा कि गांव की महिलाओं के खिलाफ कई फर्जी मामले भी दर्ज किये गये हैं। प्रियंका ने कहा था कि इन लोगों के साथ जो भी हुआ, बहुत गलत हुआ। इनके साथ घोर अन्याय हुआ है और हम इस घडी में उनके साथ हैं और उनकी लडाई लडेंगे।
गांव वालों की मांग के बारे में प्रियंका ने कहा था कि जिस भी परिवार ने किसी सदस्य को खोया है, उसे वित्तीय सहायता के रूप में 25 लाख रूपये मिलने चाहिए और निर्दोष गांव वालों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिये जाने चाहिए।
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