धारा 370 हटाये जाने के खिलाफ पड़ी याचिकाओं पर शुरू हुई सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
याचिकाकर्ता को लगाया कोर्ट ने फटकार, दो दिन में दूसरी याचिका दाखिल करने का दिया निर्देश
आफताब फारुकी
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई है। याचिकाकर्ता एमएल शर्मा को सीजेआई रंजन गोगोई ने याचिका में गलती होने पर फटकारा है। सीजेआई ने पूछा कि ये किस तरह की याचिका है, इसमें क्या फाइल किया गया है। याचिका लें और दूसरी याचिका दाखिल करें। याचिका पर सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस एस ए बोबड़े और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच सुनवाई कर रही है।
सीजेआई ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आप क्या चाहते हैं? आपने क्या फाइल किया है कुछ नहीं पता। हम आपकी याचिका तकनीकी आधार पर ही खारिज कर सकते हैं। लेकिन ऐसे मामलों में हम ये नहीं करना चाहते। इस तरह की 6 और भी याचिकाएं हैं, उन पर भी इसका असर पड़ सकता है।’ सीजेआई ने कहा कि आप याचिका को वापस लें और संशोधित याचिका दाखिल करें।इस पर शर्मा ने कहा कि मैं दो दिनों में दूसरी याचिका दाखिल करूंगा।
सुनवाई के दौरान एक वकील ने कहा कि वकील एमएल शर्मा पर जुर्माना लगाया जाए तो सीजेआई ने कहा कि इन्हें पहले ही चोट लगी है, इन पर क्या जुर्माना लगाएं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट व संचार माध्यमों पर बैन और ब्लैक आउट के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई की। कश्मीर टाइम्स की एक्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन ने धारा 370 के हटने के बाद घाटी में कामकाजी पत्रकारों पर लगी पाबंदियों को चुनौती दी थी। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि हमने पढ़ा है कि शाम तक लैंडलाइन शुरू हो जाएंगी। हमने सुबह अखबरा में पढ़ा है कि कि लैंडलाइन सर्विस शुरू हो गई है।
सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि सुरक्षा एजेंसियां रोजाना नजर रख रही हैं। हालात का जायजा लिया जा रहा है। कोर्ट को एजेंसियों पर भरोसा करना चाहिए। वहीं अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट से कहा खि कुछ दिन में हालात सामान्य हो जाएंगे। सभी अखबार रिलीज हो रहे है, आखिर कश्मीर टाइम्स क्यों नहीं? हम रोजना ही थोड़ा थोड़ा करके बैन हटा रहे हैं।