प्रयागराज – परंपरागत ढंग से मनाया गया ईद-उल-अजहा का त्यौहार

तारिक खान

प्रयागराज. त्याग, बलिदान व भाईचारे का त्यौहार ईदुल जुहा पूरी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। प्रयागराज में भी परंपरागत ढंग से ईद उल जुहा का त्योहार मनाया गया। ईदगाह सहित अन्य मस्जिदों में लोगों ने नमाज पढ़कर देश व कौम की तरक्की के लिए दुआ मांगी। इस दौरान बच्चो का उत्साह देखते ही बना । पुलिस प्रशासन की तरफ से भी ईदगाह और मस्जिदों के पास सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए थे। कुर्बानी के त्योहार बकरीद पर मुस्लिम समुदाय के लोगो ने विशेष नमाज के बाद घरों में जानवरों की कुर्बानी दी।

इस दौरान घरों में लोगों ने हजरत इब्राहीम की सुन्नत अदा करने के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे। बकरीद समाज के हित में खुद या खुद की सबसे प्यारी चीज कुर्बान करने का संदेश देने वाला त्योहार है। बकरे की कुर्बानी प्रतीक मात्र है, बकरीद हमें यह बताता है कि जब भी राष्ट्र, समाज और गरीबों के हित की बात आए तो खुद को भी कुर्बान करने से नहीं हिचकना चाहिए। अकबरपुर में नूरी मस्जिद के इमाम की राय में इंसान को हर समय कुर्बानी देने का जज्बा रखना चाहिए।

आलिम-ए-दीन कहते हैं कि कुर्बानी के जानवर में दिखावा इसकी अहमियत को खत्म कर देता है। कुर्बानी करें तो ये जज्बा रखें कि अल्लाह की रजा के लिए कुर्बानी कर रहे हैं, दूसरे को दिखाने के लिए नहीं। बकरीद अथवा कुर्बानी की ईद इस्लाम मतावलंबियों का प्रमुख त्योहार है। मान्यता है कि हजरत इब्राहीम अपने पुत्र हजरत इस्माइल को इसी दिन खुदा के हुक्म पर खुदा की राह में कुर्बान करने जा रहे थे। अल्लाह ने उसके पुत्र को जीवनदान दे दिया। इस मौके पर  नमाज के मद्देनजर शहर के कई इलाकों में यातायात प्रतिबंध और रूट डायवर्जन लागू किया गया वही पुलिस और प्रशासन के आलधिकारी, विभिन्न राजनैतिक दलों के नेता, सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भी ईदगाह सहित विभिन्न मस्जिदों में पहुँच कर मुस्लिम समाज के लोगो को मुबारकबाद दी।

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