सांसद आज़म खान पर एक और मुकदमा दर्ज, इस बार गैर-इरादतन हत्या सहित कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज हुआ
गौरव जैन
रामपुर – यतीमखाना बस्ती की रहने वाली 90 साल की बुज़ुर्ग महिला शहज़ादी बेगम सहित 40 बेहद गरीब परिवार कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष फैसल खान लाला के नेतृत्व में लंबे समय से आज़म खा के कथित ज़ुल्मों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, आरोप है कि साल 2016 में आज़म खा ने वक्फ़ मंत्री रहते यतीमो की जगह पर नाजायज़ कब्ज़ा किया था, सरायगेट यतीमखाना बस्ती के लगभग 40 परिवार 50-60 सालों से यतीमखाने में रहते थे जिसकी किराएदारी की रसीदें और वक्फ़ विभाग का आवंटन पेपर भी लोगो के पास मौजूद हैं.
पीड़ित परिवारों का आरोप है कि अचानक 15 अक्टूबर 2016 को हमारा आवंटन रातों-रात निरस्त कर दिया गया और बल पूर्वक यतीमो को न सिर्फ मारा पीटा गया बल्कि उनके घरों का सामान, भैंसे तक लूट ली गईं. उसी दौरान शहज़ादी बेग़म नाम की एक महिला को मारा पीटा गया था. जिसके चलते अगले दिन उनकी मृत्यु हो गई थी
आरोप है कि बाद में उनको घरों से निकालकर उनके घरों पर बुल्डोज़र चला दिया गया था और आज़म खा ने जगह पर नाजायज़ कब्ज़ा कर लिया था. फैसल लाला ने तो यह भी आरोप लगाये है कि मामले में तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक सहित मानवाधिकार आयोग ने जांच बैठाई थी, लेकिन पूर्व के अधिकारियों ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। अब इन लोगों ने एक बार फिर कांग्रेस नेता फैसल लाला के माध्यम से पहले डीएम को ज्ञापन सौंपकर इंसाफ की गुहार लगाई थी और बाद में कई पीड़ित परिवारों ने पुलिस अधीक्षक को मुकदमा दर्ज कराने को तहरीर दी है जिस पर ज़ाकिर, आसिफ, नन्ने और मुन्ने की तहरीर पर पुलिस ने सांसद आज़म खान, तत्कालीन सीओ आले हसन, एसओजी सिपाही धर्मेंद्र सहित कई लोगों पर धारा 304, 452, 354ख 389, 427, 448, 395, 504, 506, 120बी, में थाना कोतवाली में चार अलग अलग मुकदमें दर्ज किये हैं।