महंथ साध्वी गीतांबा तीर्थ के आवाहन पर पीएम के संसदीय क्षेत्र में पाकिस्तानी सेंधा नमक का बहिष्कार
तारिक खान
वाराणसी. पाकिस्तान से भारत में सेंधा नमक का बड़ी मात्रा में आयात किया जाता है। साध्वी गीतांबा ने कहा कि पाकिस्तान के सेंधा नमक की जगह उनके मठ से जुड़े भक्त और अनुयायी अब इसकी जगह समुद्री नमक का प्रयोग करेंगे। पाकिस्तानी सेंधा नमक के बहिष्कार की अपील उन्होंने कांवड़ियों के बीच जाकर करने की अपील भी की।
अनुच्छेद 370 के हटाने के बाद पाकिस्तान बौखलाहट में समझौता एक्सप्रेस बंद करने के साथ अनाप-शनाप जो बयानबाजी कर रहा है। उसके के खिलाफ पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में प्रतिक्रिया दिखाई देनी लगी हैं। संत रविदासघाट स्थित श्रीदुर्गामाता छाया शक्तिपीठ की महंथ साध्वी गीतांबा तीर्थ ने शुक्रवार को अपने अनुनायियों के साथ बैठक करके पाकिस्तान से भारत में आयात होने वाले सेंधा नमक का बहिष्कार का ऐलान किया।
गौरतलब है की मोदी सरकार द्वारा आजादी के बाद पहली बार देश में एक विधान एक निशान के संकल्प को साकार करने के लिए अनुच्छेद 370 को विदा करने के कदम को ऐतिहासिक करार देते हुए साध्वी गीतांबा तीर्थ कहती हैं कि पाकिस्तान को सबक सिखाने का काम सिर्फ सेना का नहीं हर हिंदुस्तानी का है। हर हिंदुस्तानी पाकिस्तान से भारत में आने वाली चीजों के बहिष्कार के ऐलान में साथ देकर दुनिया को एकता का एक बड़ा संदेश देने के साथ आतंकवादियों को सरपरस्त देने वाले देश को सबक सिखाने में अपनी भूमिका अदा करेगा।
साध्वी का कहना है व्रत-त्योहार बड़ी संख्या में संत समाज के लोग रहते हैं, इसलिए काशी के संत समाज के बीच पाकिस्तानी सेंधा नमक के बहिष्कार को लेकर जनजागरण अभी से प्रारंभ कर दिया गया है। साध्वी ने कहा पाकिस्तानी सेंधा नमक का प्रयोग आज से ही मठ में बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा पाकिस्तानी सेंधा नमक के बहिष्कार के साथ समुद्र और महासागरों से उत्पादित होने वाले समुद्री नमक का प्रयोग विकल्प के रूप में करेंगे। साठ साल की साध्वी गीतांबा तीर्थ 30 जून 1986 को प्रयागराज में सन्यास ग्रहण किया था। प्रयागराज के दारागंज स्थित राजेश्वर मठ में सालों तक रही साध्वी अपने गुरु की मृत्यु के बाद काशी आकर संत रविदास घाट पर मठ की स्थाापना किया। व्रत करने वाली महिलाओं से भी साध्वी ने अपील किया वह पाकिस्तानी सेंधा नमक की जगह समुद्री नमक का ही प्रयोग करें। समुद्री नमक की अनुपलब्धता में केवल फलों का ही सेवन करें।