पायलेट प्रोजेक्ट योजना के विरोध में एंबुलेंस चालकों की अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू

फारुख हुसैन

लखीमपुर खीरी÷ कार्यदायी कंपनी द्वारा पायलेट प्रोजेक्ट लागू करने की योजना के विरोध में स्वास्थ्य विभाग के एंबुलेंस चालकों ने सोमवार को निश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दी। एंबुलेंस चालकों ने सोमवार को जिला महिला अस्पताल में विरोध प्रदर्शन कर कंपनी के विरुद्ध नारेबाजी की। यहां कर्मचारियों ने कंपनी पर शोषण करने का और निर्धारित अवधि से अधिक काम लेने का आरोप लगाया। कर्मचारियों ने इस संबंध में डीएम को प्रार्थनापत्र देकर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है।

ग्रामीण क्षेत्रों से अकस्मात स्थिति में बीमार और घायलों तथा प्रसूताओं को अस्पताल तक लाने और ले जाने वाले एंबुलेंस चालक और उसके तकनीकी कर्मचारी शोषण का शिकार है। इसके विरोध में एंबुलेंस कर्मचारियों ने सोमवार को महिला अस्पताल में विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने कहाकि इसमें पायलेट के अलावा इमरजेंसी मेडिकल टेक्निीशियन कर्मचारी हैं वे जीवीके ईएमआरआई कंपनी द्वारा रखे गए हैं। कंपनी कर्मचारियों का आर्थिक और मानसिक शोषण करती है। कर्मचारियों ने कहा कुशीनगर में एक कर्मचारी से लगतार 22 दिन तक कार्य कराया गया जिससे उसकी मौत हो गई। कंपनी अनुचित मांगों का विरोध करने पर नौकरी से हटाने की धमकी देती है। प्रशिक्षण के नाम पर पचास हजार लिए जाते है। मांग की है इसे तत्काल बंद किया जाए।

कर्मचारियों ने कहा है कि अभी तक कंपनी उन लोगों को एक निर्धारित वेतन देती थी उसमें ईएसआई और पीएफ कटता था। अब कंपनी पायलट प्रोजेक्ट लागू करना चाहती है उसमें 60 रुपये प्रतिकेस देने की योजना है। आठ घंटे की जगह 12 घंटे तक कार्य लिया जाता है। मांग की है कि पहले की तरह निर्धारित वेतन ही दिया जाए। पायलेट प्रोजेक्ट तत्काल बंद किया जाए। ओवर टाइम का भुगतान कराया जाए। कंपनी द्वारा दस प्रतिशत प्रतिवर्ष वेतन वृद्धि की जाए। कपंनी द्वारा गलत केस किए जाते हैं इसके लिए कर्मचारियों पर दबाव बनाया जाता है। फर्जीवाड़ा में साथ न देने पर उन्हे नौकरी से निकाल दिया जाता है। मांग की है उन लोगों को सेवा सुरक्षा का भरोसा दिया जाए। धरना प्रदर्शन करने वालों में सभी पायलट और टेक्निकल कर्मचारी शामिल थे।

हड़ताल के पहले दिन परेशान हुए मरीज 

कर्मचारियों की हड़ताल से पड़ने वाला असर दिखने लगा है हालांकि सोमवार पहला ही दिन है लेकिन मरीजों को दिक्कत हुई। बाहर से इलाज कराने वाले तमाम मरीजों को बाइक और प्राइवेट वाहनों से अस्पताल आना पड़ा। इसका सबसे ज्यादा असर महिला मरीजों पर पड़ा। महिला अस्पताल की ओपीडी में तो भीड़ थी लेकिन आपरेशन थियेटर आदि में अन्य दिनों की अपेक्षा बहुत कम लोग थे। एंबुलेंस न मिलने के कारण तमाम लोग सरकारी अस्पताल की अपेक्षा प्राइवेट अस्पताल में ही ले जाने में भलाई समझी। महिला अस्पताल के लेवर रूम की कर्मचारियों ने बताया कि लेवर रूम में भी सोमवार को कुछ कम महिलाएं आईं। तमाम महिलाएं प्रसव के बाद उनकी भर्ती कटी तो घर जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली। ग्रामीण क्षेत्रों से भी तमाम महिलाएं अपने इलाज के लिए अस्पताल नहीं आ पाई।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *