सुशासन बाबु के राज में, हत्यारे मना रहे जेल में जन्मदिन, काट रहे केक, वायरल हुआ वीडियो, 7 सस्पेंड

अनिल कुमार

पटना: वह हत्यारा है यह बात हम नही अदालत ने माना है और उसको दोषी करार दिया। जी हा हम बात कर रहे है बिहार के कुख्यात अपराधी पिंटू तिवारी की। वह हत्यारा है और जेल में बंद है। मगर लगता है बिहार की जेल भी अपराधियों की सैरगाह बन गई है। तभी तो एक कुख्यात का जन्मदिन जेल में आलिशान तरीके से मनाया जाता है। उसको जन्मदिन का उपहार कैदियों द्वारा दिया जाता है। वह केक काटता है। इसको अपराधियों की सैरगाह नही तो और क्या कहेगे आप।

बिहार के सीतामढ़ी जेल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक कुख्यात बदमाश अपने साथियों को जन्मदिन पर पार्टी देते नजर आ रहा है। 2015 में दो इंजीनियरों की हत्या के दोषी गैंगस्टर पिंटू तिवारी का जन्मदिन मनाने के लिए सीतामढ़ी जेल में भव्य पार्टी का आयोजन भी किया गया था। जेल में जन्मदिन मनाने की फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद 7 गार्ड को निलंबित कर दिया गया है।

वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि जन्मदिन पार्टी के दौरान जेल परिसर को गुब्बारों से सजाया गया था, और केक की भी व्यवस्था की गई थी। दोषी पिंटू तिवारी को भी कैदियों से उपहार स्वीकार करते देखा गया था। बाद में पिंटू तिवारी को कैदियों के साथ खाना खाते भी देखा गया।

सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में कैदियों को जन्मदिन का गीत गाते हुए भी देखा गया, जब पिंटू तिवारी केक काट रहा था। इस दौरान कई कैदियों को मोबाइल फोन पर बात करते भी देखा गया। पुलिस प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। राज्य के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि मैंने जेल अधिकारियों से बात की है और जांच का आदेश दिया गया है।

मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम गठित की गई है। वहीं, 18 कैदियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जेल प्रशासन ने शनिवार देर रात तक छापेमारी भी की और कैदियों से 7 स्मार्टफोन जब्त किए। बता दें कि पिंटू तिवारी मुकेश पाठक के नेतृत्व वाले एक गिरोह का शार्पशूटर था। वह अभी हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। बता दें कि पिछले साल बिहार की जेलों में एक साथ छापे मारे गए थे, जिसमें मोबाइल फोन सहित कई प्रतिबंधित चीजें बरामद की गई थी।

सोशल मीडिया पर इसको लेकर तरह तरह के कमेन्ट भी आने शुरू हो गये है। कई ने तो यहाँ तक कह दिया कि जेल में इसको जन्मदिन मनाने के लिए ऐसी आज़ादी से बेहतर है कि इसको खुला छोड़ देते और यह बाहर ही जन्मदिन मना ले। गौरतलब हो कि समय समय पर कई ऐसी बाते सामने आ जाती है जिससे बिहार सरकार की किरकिरी हो जाती है। सर पर खड़े विधानसभा चुनावों और इस तरह के मामलो के बीच नितीश कुमार की ख़ामोशी का मतलब सियासत के जानकार तलाश रहे है।

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