डबल मर्डर केस – कम पड़ रही हत्यारोपियो को शायद भागने के लिए ज़मीन, दो चढ़े पुलिस के हत्थे
तारिक आज़मी
वाराणसी. चेतगंज थाना क्षेत्र का दंपत्ति की हत्या का हाईटेक मामला अभी तक भले ही खुलासे से दूर हो, मगर हत्यारोपियो के हालात तो ऐसे ही बताते है कि उन्हें भागने की लिए शायद ज़मीन कम पड़ती जा रही है। पूर्वांचल के विभिन्न कोनो में पिछले चार दिन छिपने के प्रयास के बाद अब उनके द्वारा न्यायालय में सरेंडर करने की सम्भावनाये बढती जा रही है। वही पुलिस ने मामले में वांछित दो अन्य अभियुक्त रामविचार और चन्दन को पकड़ने में सफलता प्राप्त किया है।
ज्ञातव्य हो कि दिनांक 21 सितम्बर को अहले सुबह कर्मकाण्ड करवाने वाले केके उपाध्याय और उनकी पत्नी की जघन्य हत्या कर दिया गया था। हत्या का कारण बरसो से चले आ रही संपत्ति विवाद को बताया गया। इस प्रकरण में मृतक के भाई राजेंद्र, मृतक के भतीजे रजत, रजत की माँ पूजा एक अन्य को नामज़द करते हुवे हत्या का मुकदमा पंजीकृत हुआ था। बताया जाता है कि यह संपत्ति विवाद बरसो से चला आ रहा है और दोनों भाइयो के बीच इस विवाद को लेकर एक दुसरे के ऊपर कई मामले दर्ज करवाये गए है। संपत्ति विवाद अचानक खुनी रूप लेने लगा और इसका अंत दो जघन्य हत्याओ के साथ हुआ।
प्रकरण में पुलिस ने भी अपनी शान लगा डाली, एसएसपी ने फरार तीनो अपराधियों रजत, राजेंद्र और पूजा पर 15-15 हज़ार का इनाम घोषित कर दिया। इस दौरान नवागंतुक क्षेत्राधिकारी चेतगंज प्रशिक्षणरत आईपीएस के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। प्रकरण में पुलिस अधीक्षक (नगर) दिनेश सिंह ने खुद पैनी नज़र रखना शुरू कर दिया। इस दौरान आरोपों प्रत्यारोपो के बीच थाना सिगरा के लल्लापुरा चौकी इंचार्ज पर गाज भी गिर गई। पुलिस एक्शन मोड़ में थी और आज भी है। मगर सफलता पुलिस से थोडा दूर दिखाई दे रही है।
हत्या इतनी जघन्य थी कि जिसको देख कर लगता था कि हत्यारे कही से भी मौका नही छोड़ना चाहते थे। मृतक दंपत्ति को गोली मारने के अलावा दोनों पर चापड से भी वार किया गया था। अगर गौर किया जाए तो चापड़ भी बाज़ार में बिकने वाला हलके किस्म का नही दिखाई देता है। क्योकि पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी और मामले में मृतक के शरीर पर ज़ख्म देखकर प्रतीत होता है कि चापड़ मॉस विक्रेताओं के द्वारा प्रयोग में लाये जाने वाले भारी चापड़ प्रतीत होता है क्योकि मृतक महिला के हाथ की हड्डिया एक ही वार में टूटी दिखाई दे रही थी, साथ ही मृतक केके उपाध्याय के जबड़े पर पड़े चापड़ के वार भी इसकी तस्दीक कर रहे थे।
बहरहाल, पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी और घटना की कडिया जोड़ने वाली जानकारियों को आधार माने तो घटना में दो वाहनों का प्रयोग हुआ था। जिसमे से पुलिस सूत्रों के अनुसार पुलिस ने एक मोटर सायकल बरामद किया है। देर आये दुरुस्त आये की तर्ज पर बाइक को बरामद करने वाली चेतगंज पुलिस के हत्थे अभी दूसरी काले रंग की एक्टिव (या फिर काले रंग की मेस्ट्रो) नही मिली है। पुलिस ने हत्यारोपियो की गिरफ्तारी के लिए सभी हथकंडे अपना लिए है। इस दौरान दो दर्जन से अधिक लोगो से पूछताछ भी हुई।
पुलिस सूत्रों के अनुसार घटना के बाद हत्यारोपियो रजत, पूजा और राजेंद्र की लोकेशन बलिया जनपद के सिकंदरपुर, नगर और आजमगढ़ में मिली, तत्काल छापेमारी की कार्यवाही भी हुई मगर पुलिस खाली हाथ ही वापस आई। हत्यारोपी एक कदम पुलिस के आगे रहे और सिकंदरपुर पहुची पुलिस से पहले ही आरोपी सभी फरार हो चुके थे। इस दौरान नगरा से भी पूजा के संपर्क के एक व्यक्ति को पुलिस ने पूछताछ के लिए उठाया। मगर कोई ख़ास जानकारी के बजाये पुलिस सिर्फ भाग दौड़ में उलझी दिखाई देने लगी।
गोपनीय सूत्रों से प्राप्त सुचना के अनुसार पुलिस रजत के फ़ोन नंबर को लेकर चल रही थी, वही हमारे सूत्रों ने रजत द्वारा प्रयोग में लाये जाने वाले एक अन्य नंबर की जानकारी दिया। शायद चेतगंज थाना प्रभारी के पास भी रजत का दूसरा नंबर होने की संभावना कम प्रतीत हो रही है। हमारे सूत्रों ने बताया कि पूजा जहा एक सफ़ेद रंग का पुराना मोबाइल सेट घटना के दो दिनों पहले से प्रयोग कर रही थी, वही रजत का एक अन्य मोबाइल नंबर 7905xxxx9 भी प्रयोग में लाया जाता है। वही क्षेत्र के एक सूत्र ने हमको बताया कि घटना के पहले ही पूजा ने अपनी बेटियों को सिकंदरपुर पंहुचा दिया था। वही सिकंदरपुर से जानकारी मिली है कि पूजा का बलिया के सिकंदरपुर निवासी एक साडी व्यवसाई जिसका एक आवास पहाड़िया के पास भी है की सिकंदरपुर में बहुचर्चित पत्नी से घनिष्ट सम्बन्ध है।
कौन है मुख्य मास्टर माइंड
अगर घटना के कडियों को जोड़ कर देखे तो घटना में मुख्य मास्टर माइंड राजेंद्र की पत्नी पूजा दिखाई देती है। जानकारी के अनुसार पूजा ने एलएलबी की परीक्षा पास किया है और उसके खुद के परिचय शहर में राजेंद्र और रजत से अधिक है। अभी तक के भागने के ठिकानों के बारे में जो जानकारी पुलिस को मिलती रही है उसके ऊपर भी अगर ध्यान दिया जाये तो सभी परिचय पूजा के खुद के व्यक्तिगत परिचय है। इस दौरान आजमगढ़, बलिया जनपद के विभिन्न ठिकानों से खाली हाथ लौटी पुलिस के भी शायद ये बात समझ में आ रही होगी।