पीएमसी बैंक के बाद अब आरबीआई ने लगाया इस बैंक पर कई प्रकार के प्रतिबन्ध

आफताब फारुकी

नई दिल्ली : बैंकिंग सेक्टर में एनपीए के बढ़त और वित्तीय अनियमितता को देखते हुवे आरबीआई ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए है। इसी कड़ी में पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक में वित्तीय गड़बड़ियों की वजह से लेनदेन पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं। आरबीआई ने लक्ष्मी विलास बैंक की कमजोर वित्तीय हालत को देखते हुए उसके खिलाफ त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई के तहत कर्ज देने और नई शाखा खोलने पर रोक जैसे प्रतिबंध लगा दिये हैं। बताया जा रहा है कि लक्ष्मी विलास बैंक में जोखिम से बचाव के लिए पर्याप्त पूंजी के अभाव, दो लगातार साल से संपत्तियों पर नुकसान और बड़ी संख्या में फंसे लोन अमाउंट को देखते हुए आरबीआई ने यह कदम उठाया है।

पीसीए के तहत लक्ष्मी निवास बैंक पर ऋण देने, नयी शाखाएं खोलने तथा लाभांश का भुगतान करने पर रोक लग गयी है। बैंक को चुनिंदा क्षेत्रों को दिये ऋण में कमी लाने पर भी काम करना होगा। लक्ष्मी विलास बैंक ने शनिवार को नियामक को इसकी जानकारी दी। रिजर्व बैंक ने यह कार्रवाई ऐसे समय की है जब दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने धोखाधड़ी तथा कोष के दुरुपयोग को लेकर लक्ष्मी विलास बैंक के निदेशक मंडल के खिलाफ मामला दर्ज किया है। रिजर्व बैंक के त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई से इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस का लक्ष्मी विलास बैंक में प्रस्तावित विलय अधर में अटक गया है। विलय को अभी रिजर्व बैंक से मंजूरी नहीं मिली है।

रिजर्व बैंक ने 31 मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष के लिये जोखिम की निगरानी के तहत हुई जांच के बाद यह कार्रवाई शुरू की है। वित्त वर्ष 2018-19 में लक्ष्मी निवास बैंक का शुद्ध एनपीए 7।49 प्रतिशत, पूंजी पर्याप्तता अनुपात 7।72 प्रतिशत रहा तथा संपत्तियों पर 2।32 प्रतिशत नुकसान हुआ। बैंक को 2018-19 में 894।10 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। लक्ष्मी निवास बैंक ने कहा कि रिजर्व बैंक की कार्रवाई से उसका प्रदर्शन बेहतर होगा तथा सामान्य तौर पर जमा स्वीकार करने या पुनर्भुगतान समेत उसके दैनिक परिचालन पर प्रतिकूल असर नहीं होगा। लक्ष्मी निवास बैंक ने अलग से बीएसई को बताया कि उसे प्रतिभूति कर एक हजार करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने के लिये शेयरधारकों की मंजूरी मिल गयी है।

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