जन्मजात टेढ़े-मेढ़े पैरों को सीधा करने के क्लिनिक का जिला चिकित्सालय में हुआ उद्घाटन
लक्षण - पैर का जन्मजात टेढ़ा-मेढ़ा होना, अंदर की ओर मुड़े हुए पैर, एक दूसरे से छोटे पैर, बैठने व चलने में दिक्कत क्लब फुट मऊ शाखा का हेल्पलाइन नम्बर 7408178132 है जिस पर सभी कार्य दिवस पर सुबह 9 से 6 तक वार्ता की जा सकती है।
संजय ठाकुर
मऊ- जिले के जन्मजात बच्चों के टेढ़े-मेढ़े पैरों का उपचार जिला अस्पताल में निःशुल्क होगा ये जानकारी अपर चिकित्सा अधिकारी डॉ बृजकुमार ने ‘क्लब फुट क्लीनिक’ उद्घाटन बाद कही, इस कार्य को सफल बनाने में आरबीएसके के साथ-साथ सबसे बड़ा योगदान गाव अस्तर पर कार्य करने वाली हमारी आंगनबाड़ी कार्यकार्तियो और आशाओं का है।
सीएमएस बृजकुमार ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत जिला अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में ‘क्लब फुट क्लीनिक’ मिरेकल फीट इंडिया के सहयोग से पिछले 25 जुलाई बृहस्पतिवार से स्थापित हुई है। इसका आज सदर अस्पताल के ट्रामा सेंटर में औपचारिक रूप से उद्घाटन कर दिया गया है। यह क्लीनिक अभी केवल सप्ताह में केवल एक दिन प्रत्येक वृहस्पिवार को चलेगी। उन्होंने आगे बताया कि आरबीएसके छः महीने में एक बार गावों का दौरा करती है जबकी हमारी आंगनबाड़ी कार्यकार्ति और आशा बहने रोज गाव के सभी परिवारों के सम्पर्क में रहती है और उन्हें पता होता है कि किसके घर में किसका बच्चा कैसा है। वे पूर्णतया इस कार्यकम को सफल बना सकती हैं और समय रहते समाज को विकलांगता से मुक्त कर सकती है।
आरबीएसके डॉ. सैलजा कान्त मिश्र ने बताया कि जन्म के समय स्क्रीनिंग के दौरान पता चलने पर इसकी इलाज जितनी जल्दी शुरू हो जाए, ठीक होने की संभावना उतनी ज्यादा होगी। मुख्यतया जन्म से दो वर्ष तक के बच्चों का इलाज प्लास्टर द्वारा तथा विशेष जूतों द्वारा ठीक किया जा सकता है। जो पूर्णतया निःशुल्क है। उसके बाद की उम्र में पता चलने पर करेक्टिव सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक डीपीएम रवीन्द्र कुमार ने कहा कि हमारे जिले का आरबीएसके की टीम नित नए कृतिमान स्थापित कर रहा है। उसी क्रम में रिमेकल फीट इंडिया के सहयोग से इस जनपद में इसकी शुरुआत हुई जिसका हम अपने सभी अधिकारीयों के तरफ से स्वागत करते हैं। इस क्लब फुट बीमारी में बच्चों के पैर टेढ़े-मेढ़े होने लगते हैं। सही समय पर इसका इलाज न होतो जीवन भर के लिए दिव्यांग हो जाता है। कुछ का मानना है कि गर्भावस्था के समय गर्भस्थ शिशु की पोजीशन सही नहीं होने के कारण बच्चों के पैर खराब हो जाते हैं। जिसका निःशुल्क इलाज यहाँ संभव है।
मिरेकल फीट के ब्रांच मैनेजर भूपेश सिंह ने बताया जबकि कुछ आधुनिक खान-पान को इस बीमारी की वजह मानते हैं कुछ की राय है कि गर्भ में जुड़वा शिशु होने की दशा में इस बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। वहीं यह भी माना जाता है कि अनुवांशिक तौर पर बच्चों की हड्डियों में खराबी के कारण शिशु इस रोग की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे बच्चों के इलाज के लिए अब जिला अस्पताल में ‘क्लब फुट क्लीनिक’ स्थापित कर दी गई है।
आगे वयस्क लोगों जिनका उम्र 18 से नीचे है उनका भी इलाज निःशुल्क होगा जिसे बनारस और आज़मगढ़ मंडल स्तर पर आपरेशन के माध्यम से सीधा कर दिया जायेगा। मिरेकल फीट विश्व के 26 देशों में इसपर सफलता पूर्वक कार्य कर रही है। अभी यूपी के पश्चिम में सफलतापूर्वक कार्य करने के बाद इधर पूर्वांचल में तेजी से कार्य करना शुरू कर दिया है इसमें ज्यादा सफलता जन्म से जितनी जल्दी हमारे संज्ञान में आजाती है उतनी ही जल्दी मरीज कों लाभ मिलता है बच्चों के पांच सप्ताह के हमारे इलाज में ही पूरा परिवर्तन आजाता है।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के डीईआईसी मैनेजर अरविंद वर्मा ने बताया कि मऊ के ब्लाक परदहा से क्लब फुट का केस मिला है जिसके बाद आज इसका आधिकारिक उदघाटन किया गया।
आज उदघाटन एवम बैठक में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक महिला जिला अस्पताल डॉ आर के गुप्ता, जिला कम्यूनिटी प्रोसेस मैनेजर संतोष सिंह, डॉ जसवंत कुमार, डॉ मिथिलेश, जिला हेल्प डेस्क मैनेजर राम प्रदेश, ब्लॉक कोपागंज, परदहा, एवम मुहम्मदाबाद के आरबीएसके टीम के सदस्य इत्यादि उपस्थित रहे।