शिक्षक नेताओं की प्रेस कांफ्रेंस – कहा बीएसए कर रहे है अनियमित कार्य
बाबुनंदन मिश्रा
मऊ। शिक्षक सदन भीटी पर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ एवं विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन मऊ द्वारा एक प्रेस वार्ता जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मऊ द्वारा किए जा रहे अनियमित कार्यों के संबंध में की गई।
कृष्णानंद राय एवं अंजनी कुमार सिंह ने अवगत कराया कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा विद्यालय प्रबंध समितियों के अधिकारों का अपहरण कर अपने निजी स्वार्थ के कारण जिले से विद्यालयों में ड्रेस वितरण करने हेतु एजेंसी नामित करने के कारण जिले में अभी तक ड्रेस वितरण नहीं हो पाया है। उत्तर प्रदेश में मऊ ही एकमात्र जनपद है जहां विद्यालयों में सत्र प्रारंभ हुए साढ़े पाँच माह से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन परिषदीय विद्यालयों के छात्रों को अभी तक निशुल्क ड्रेस वितरण नहीं हुआ है। जनपद के केवल परदहां ब्लाक में कुछ ड्रेस वितरण प्रारंभ हुआ है शेष जनपद में ड्रेस वितरण की स्थिति शून्य है इससे विद्यालयों के छात्र नामांकन पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के नियम विरुद्ध कार्य शैली का जिक्र करते हुए बताया गया कि निशुल्क पाठ्य पुस्तकों को विद्यालयों तक पहुंचाने के लिए शासन द्वारा जो धन आवंटित किया जाता है उसका गबन कर लिया जाता है और शिक्षक पुस्तकें अपने स्वयं के खर्चे पर संसाधन केन्द्रों से ढुलाई करके विद्यालय तक ले जाते हैं । अभी तक सभी छात्रों को कार्य पुस्तकें एवं निशुल्क पुस्तकें नहीं प्राप्त हुई है।
पढ़े भारत – बढ़े भारत योजना अंतर्गत पुस्तकों एवं सामग्रियों की खरीद, खेल सामग्री की खरीद, पुस्तकालय के पुस्तकों की खरीद ,डेस्क ब्रेंच की खरीद , विज्ञान लैब सामग्री की खरीद आदि सभी मदों में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा अपने चहेते फर्मों से आपूर्ति कराई जा रही है जिसमें बहुत ही घटिया सामग्री की आपूर्ति हो रही है एवं सामग्रियों की गुणवत्ता बहुत ही खराब है तथा कम मूल्य का सामान देकर पूरा पैसा ले लिया जा रहा है ।अध्यापकों के मुंह खोलने पर या भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाने पर निर्दोष शिक्षकों को निलंबित करके भय का वातावरण बनाया जा रहा है कि कोई शिक्षक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार के विरुद्ध मुंह ना खोले। शिक्षकों के निलंबन एवं वेतन रोकने की कार्यवाही शासनादेश के विरुद्ध मनमाने तरीके से की जा रही है एवं मामला उठने पर निर्दोष शिक्षकों को निलंबित कर जिले में आतंक का माहौल बनाया जा रहा है कि भय के मारे कोई भी शिक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के भ्रष्टाचार के विरुद्ध मुंह ना खोल सके।
विभागीय खरीद में वित्तीय नियमों का उल्लंघन कर सरकारी धन की लूट की जा रही है। छ: महीने से अधिक समय तक शिक्षकों को निलंबित रखकर आरोपपत्र भी नहीं दिया जा रहा है । वेतन रोकने के बाद दस पन्द्रह महीनों तक उनके आवेदन पत्रों का निस्तारण नहीं किया जा रहा है, पूरे माह का वेतन रोक कर शिक्षकों का घोर उत्पीड़न किया जा रहा है कि वह मजबूर होकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के भ्रष्टाचार को स्वीकार करे। मनमाने तरीके से आवेदन पत्रों का निस्तारण पक्षपातपूर्ण ढंग से किया जा रहा है।
महिलाओं के प्रसूता अवकाश एवं बाल्य देखभाल अवकाश की स्वीकृति में भी घोर अनियमितता बरती जा रही है जो लोग भ्रष्टाचार में शामिल नहीं हो रहे हैं उनका अवकाश स्वीकृत नहीं किया जा रहा है या बहुत विलंब से किया जा रहा है।
शिक्षक नेताओं ने इस बात पर भी आक्रोश व्यक्त किया कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, मऊ द्वारा अपने कर्तव्यों का निष्पक्ष एवं ईमानदारी पूर्ण तरीके से निर्वहन नहीं किया जा रहा है और उल्टे शिक्षकों को नमक हराम , चोर जैसे शब्दों का प्रयोग कर अपमानित किया जा रहा है जिससे जिले का शिक्षक काफी दुखी हैं। अगर शीघ्र ड्रेस वितरण नहीं कराया गया व विद्यालयों को आपूर्ति की गयी घटिया सामग्रियों की जांच कर दोषियों को दंडित नहीं किया गया तो जिले के शिक्षक अब चुप नहीं बैठेंगे। आंदोलन करने के लिए विवश होंगे और अगर विद्यालय की कार्य में बाधा उत्पन्न होती है तो उसके जिम्मेदार जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी होंगे।