कम होने लगा गंगा-यमुना का जलस्तर, मगर मोहल्लों में अभी भी चल रही नाव

तारिक खान

प्रयागराज। रविवार से गंगा का जलस्तर भी कम होने लगा है। यमुना तो शनिवार शाम से ही घटने लगी थीं। हालांकि दोनों नदियों के जलस्तर कम होने की गति काफी धीमी है। यमुना दो घंटे में आधा सेमी तो गंगा चार घंटे में आधा सेमी घट रही हैैं। पिछले 24 घंटे में गंगा का पानी 10 सेमी और यमुना का 17 सेमी कम हुआ है। हालांकि अब भी बघाड़ा, गंगानगर समेत कई इलाकों में बाढ़ का पानी भरा है। गलियों में नावें चल रही हैं।

गंगा का पानी शनिवार की शाम से हो गया था स्थिर

खतरे के निशान से लगभग एक मीटर ऊपर बह रहीं गंगा शनिवार देर शाम जहां स्थिर हो गईं, वहीं यमुना का जलस्तर नीचे जाने लगा। गंगा 85.77 मीटर पर पहुंच कर स्थिर हुईं तो यमुना 85.71 मीटर पहुंचकर नीचे जाने लगीं। वैसे शनिवार सुबह से दोनों नदियों के जलस्तर में मामूली बढ़ोतरी को देखते हुए घटने का अंदाजा लगा लिया गया था। बाढ़ के बाद प्रभावित क्षेत्रों में गंदगी व बदबू तथा बीमारियों की आशंका को देखते ही स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम को अलर्ट कर दिया गया है।

बाढ़ की त्रासदी से परेशान लोगों को मिलेगी राहत

एक सप्ताह से ज्यादा दिनों से बाढ़ की त्रासदी झेल रहे तटीय इलाके के लोगों को जल्द ही राहत मिल सकेगी। आठ दिनों तक तेजी से बढ़ीं गंगा और यमुना का जलस्तर अब तेजी से नीचे जाने की उम्मीद है। शनिवार सुबह तक जो जलस्तर दो सेमी प्रति घंटा बढ़ रहा था वह शाम को आधा सेमी प्रति घंटे पर सिमट गया। रात में आठ बजे के रिकार्ड के मुताबिक यमुना आधा सेमी प्रति घंटा घटने लगीं जबकि गंगा स्थिर हो गईं। वहीं रविवार सुबह तक दोनों नदियों का जलस्तर कम होने लगा। अभी इलाकों में बाढ़ का पानी भरा है। शनिवार को आधा दर्जन और मोहल्ले चपेट में आ गए थे।

निचले इलाकों की ऊपर की बस्तियों तक पहुंचने लगा था पानी

प्रशासन के मुताबिक शनिवार दोपहर दोनों नदियों का पानी निचले इलाके के ऊपर की बस्तियों में भी पहुंचने लगा था। अब तक नौ मोहल्ले और 33 गांवों में पूरी तरह बाढ़ का पानी भर चुका है। किसानों की मानें तो 55 हजार एकड़ से ज्यादा फसलें जलमग्न हो चुकी हैं। बाढ़ से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। लगभग 3.30 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैैं। शहर व देहात में बनाए गए 13 बाढ़ राहत शिविरों में तकरीबन चार हजार पीडि़त लोगों को शरण दिया गया है।

अब तक शहर व ग्रामीण इलाके के 37 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैं। राहत के लिए जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, जल पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगाई गई हैं। अधिकारियों का कहना है कि गंगा और यमुना का जलस्तर अब तेजी से नीचे जाएगा। बाढ़ के बाद की दुश्वारियों से भी निपटने के लिए विभिन्न विभागों को अलर्ट कर दिया गया है।

नगर निगम ने छिड़काव के लिए मंगवाई अतिरिक्त दवा

गंगा और यमुना का जलस्तर घटने की संभावना के साथ ही नगर निगम ने कमर कस ली है। बाढ़ प्रभावित मोहल्लों में छिड़काव के लिए कीटनाशक दवा कम न पड़े, इस के लिए अभी से अतिरिक्त दवा मंगवा ली गई है। सवा तीन सौ कर्मचारियों को दवा छिड़काव के लिए लगाया गया। नगर निगम की 19 चौकियां सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र पर पैनी नजर रखे हुए हैं।

तटीय इलाकों में भरा है बाढ़ का पानी

बाढ़ का पानी करेली, गौसनगर, गऊघाट, बलुआघाट, दारागंज, छोटा बघाड़ा, चांदपुर सलोरी, शिवकुटी, मेहंदौरी, राजापुर, नेवादा समेत सभी तटीय इलाकों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि जैसे ही बाढ़ का पानी निकले, वैसे ही दवा का छिड़काव और फागिंग शुरू करा दी जाए। 2013 और 2016 की तुलना में दोगुनी दवा का छिड़काव करने और फागिंग का निर्देश है। इसलिए नगर निगम ने अतिरिक्त दवा के लिए आर्डर जारी कर दिया है। अगले सप्ताह सप्लाई हो जाएगी। अभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हल्की दवा का छिड़काव किया जा रहा है। दवा आने पर वृहद स्तर पर छिड़काव किया जाएगा, ताकि बाढ़ का पानी उतरने पर बीमारियां न फैल सकें।

बोले नगर आयुक्त

प्रभारी नगर आयुक्त अमरेंद्र वर्मा का कहना है कि दवा के छिड़काव के लिए सवा तीन सौ कर्मचारियों को लगाया गया है। छिड़काव के लिए अतिरिक्त दवा भी मंगवाई गई है।

सांसद के प्रतिनिधिमंडल की देखरेख में बांटी गई राहत सामग्री

भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि बाढ़ पीडि़तों को तत्काल राहत सामग्री मुहैया कराई जाए। डॉ. रीता जोशी ने एक प्रतिनिधिमंडल अभिषेक शुक्ला, शशि कांत तिवारी और हरीश त्रिपाठी के नेतृत्व में करैलाबाग और ककरहा घाट भेजा। एसीएम तृतीय, थाना प्रभारी अतरसुइया के साथ दो नावों से बाढ़ पीडि़तों को राहत सामग्री बांटी गई।

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