स्वामी चिन्मयानंद प्रकरण – बोली पीडिता एक साल तक चुप नही बैठी रही, क्या कार्यवाही कर सकती हु, इसका रास्ता तलाश रही थी
आफताब फारुकी
नई दिल्ली. स्वामी चिन्मयानंद पर बलात्कार, लड़की के अपहण और धमकी देने के आरोपो के संबंध में कोई ऍफ़आईआर दर्ज नही हुई है। वही सुप्रीम कोर्ट के निर्देशन में एसआईटी जांच बैठी। जांच कर रही टीम ने पीड़ित लड़की का मेडिकल परीक्षण कराया है लेकिन रेप की एफ़आईआर दर्ज नहीं हुई है। इस दौरान पिछले चार दिनों में एसआईटी की टीम कई बार मुमुक्षु आश्रम में स्वामी चिन्मयानंद से घंटों पूछताछ कर चुकी है। सूत्र बताते है कि उनका मोबाइल फ़ोन भी एसआईटी ने ज़ब्त कर लिया है। जांच के पहले दिन चिन्मयानंद का कमरा भी सील कर दिया गया था, लेकिन कुछ सामान अपने कब्ज़े में लेने के बाद एसआईटी ने उस कमरे को दोबारा खोल दिया।
इस बीच बीबीसी हिंदी को दिए अपने बयान में पीड़िता ने कई बड़े खुलासे किये है। पीडिता ने कहा है कि स्वामी चिन्मयानंद ने मेरी विवशता का फ़ायदा उठाकर धोखे से मेरा नहाते वक़्त का वीडियो बनाया, फिर उससे ब्लैकमेल करके मेरा रेप किया और फिर उसका भी वीडियो बनाकर एक साल तक मेरा शोषण करते रहे। मुझे लगा कि इनको इसी तरह से जवाब दिया जा सकता है क्योंकि इनसे लड़ने की न तो मेरी हैसियत थी और न ही मुझमें ताक़त थी। लड़की का कहना है कि एक साल तक वो इस मामले में चुप नहीं बैठी थी बल्कि ‘क्या कार्रवाई कर सकती है, इसका रास्ता तलाश रही थी।
लड़की ने बताया, “मैंने लॉ की पढ़ाई भी उसी कॉलेज में की है लेकिन तब तक कुछ पता नहीं था। एलएलएम में एडमिशन के लिए जब कॉलेज के प्रिंसिपल के कहने पर चिन्मयानंद से मिली, उसके बाद से मैंने इनका असली चेहरा देखा। शाहजहांपुर में मैं प्रशासन या पुलिस से इनकी शिकायत कर नहीं सकती थी क्योंकि वे लोग तो ख़ुद ही आश्रम में इनके पास आशीर्वाद लेने आते थे। फिर मेरे दोस्त ने मुझे ये तरीक़ा सुझाया और मैंने ऑनलाइन कैमरा मंगाकर वीडियो बनाया।”