संदिग्ध परिस्थितियों में विवाहिता की मौत, मुकदमा दर्ज कराने के लिए कोतवाली का चक्कर लगा रहे हैं परिजन

प्रदीप दुबे विक्की

भदोही कोतवाली क्षेत्र के करियांव के दयापुर गांव में तीन दिन पूर्व संदिग्ध परिस्थिति में एक विवाहिता की मौत हो गई। पड़ोसियों ने इसकी सूचना मायके वालों को दी। मायके वाले पहुंचते इससे पहले ससुरालियों ने विवाहिता का अंतिम संस्कार करने के लिए शव रामपुर घाट लेकर पहुंच गये। मायके वाले जब तक रामपुर घाट पहुंचते तब तक ससुरालियों ने विवाहिता का अंतिम संस्कार कर दिया था। मामला संदिग्ध देख मायके वाले भदोही कोतवाली पहुंचकर मुकदमा दर्ज कराने का प्रयास किया। लेकिन तीन दिन से लगातार कोतवाली पुलिस मायके वालों को मुकदमा दर्ज करने के लिए चक्कर लगवा रही है।

जहां आज बड़ी संख्या में भदोही कोतवाली पहुंचे विवाहिता के मायके वाले मुकदमा दर्ज कराने की मांग पर अड़े रहें। इस सम्बन्ध में मिली जानकारी के अनुसार जौनपुर जनपद के नेवड़िया थाना क्षेत्र के नोकरा गांव निवासी फूलचन्द कन्नौजिया ने अपनी पुत्री नीलम देवी का विवाह करियांव के दयापुर गांव निवासी मेवालाल कन्नौजिया के पुत्र संतलाल कन्नौजिया के साथ वर्ष 2000 में किया था। जहां बीते 10 सितम्बर की रात्रि को संदिग्ध परिस्थिति में विवाहिता नीलम की मौत हो गई। विवाहिता नीलम की मौत की सूचना मायके वालों को ससुरालियों ने दी। आरोप है कि मायके वाले जब तक बेटी के ससुराल पहुंचते उससे पहले ही ससुराल वाले नीलम का अंतिम संस्कार करने के लिए उसके शव को रामपुर घाट लेकर चले गये।

घबराये मायके वाले रामपुर घाट पहुंचते, तब तक ससुरालियों ने विवाहिता नीलम देवी का अंतिम संस्कार कर जा चुके थे। मामला संदिग्ध देख मायके वाले भदोही कोतवाली पहुंचे। जहां पुलिस द्वारा मायके वालों से जांच कर कार्रवाई करने की बात कहकर वापस लौटा दिया। दूसरे दिन नीलम के परिजन फिर भदोही कोतवाली पहुंचे, लेकिन पुलिस का रवैया वही रहा। आज तीसरे दिन शुक्रवार को नीलम के मायके से बड़ी संख्या में महिला व पुरूष कोतवाली पहुंचकर मुकदमा दर्ज कराने की मांग को लेकर अड़े रहें।

मायके वालों का आरोप है कि उनकी बेटी की हत्या कर शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। जबकि ससुरालियों द्वारा मौत का कारण सर्पदंश से होना बताया जा रहा है। मायके वालों का आरोप है कि पैसे के लेन-देन के कारण उनकी बेटी की हत्या कर दी गई है। जिसमें पति, सास, ससुर आदि शामिल हैं। मायके से पहुंचकर कोतवाली पर अड़े लोगों में विनोद कन्नौजिया, बिटना देवी, सुरेश कन्नौजिया, अशोक कन्नौजिया, शेष कन्नौजिया, राधिका देवी, प्रेमी देवी, आरती देवी, चमेला देवी, गीता देवी, मालती देवी आदि मौजूद रहीं।

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