अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के विरोध में महाभियोग की प्रक्रिया हुई शुरू

आदिल अहमद

अमरीकी की प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पलोसी ने राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के ख़िलाफ़ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है। डेमोक्रेट्स ने औपचारिक तौर पर महाभियोग की प्रक्रिया शुरू कर दी है। राष्ट्रपति ट्रंप ने उन आरोपों से इनकार किया है, जिनमें कहा जा रहा है कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदीमीर ज़ेलेंस्की पर दबाव बनाया कि वो ट्रंप के डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंदी जो बाईडन और उनके बेटे के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के दावों की जांच शुरू करें।

हालांकि ट्रंप ने ये ज़रूर माना है कि उन्होंने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी के बारे में यूक्रेन के राष्ट्रपति से चर्चा की थी। नैन्सी पलोसी का कहना है कि ट्रंप ने अमरीका के संविधान का घोर उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति की जवाबदेही तय होनी चाहिए, कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। ट्रंप को पद से हटाने की किसी भी कोशिश के लिए बीस रिपब्लिकन सांसदों की ज़रूरत होगी, जो अपने ही राष्ट्रपति के विद्रोह करें।

जो बाईडन ने भी महाभियोग की प्रक्रिया शुरू किए जाने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, कि ट्रंप पर महाभियोग चलाना दुर्भाग्यपूर्ण होगा, लेकिन ये उनकी खुदकी वजह से हो रहा है। पूर्व उप राष्ट्रपति जो बाईडन 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को टक्कर दे सकते हैं। बताया जा रहा है कि निचले सदन में 145 से 235 डेमोक्रेट्स महाभियोग के समर्थन में हैं।

लेकिन महाभियोग की प्रक्रिया निचले सदन में पूरी हो भी जाती है तो इसका रिपब्लिकन के बहुमत वाले सीनेट से पास होना मुश्किल है और ओपिनियन पोल दिखाते हैं कि अमरीका के मतदाताओं के बीच ये ज़्यादा लोकप्रिय नहीं है। अभी तक अमरीका के किसी भी राष्ट्रपति को महाभियोग के ज़रिए नहीं हटाया गया है।

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते खबरें आई थीं कि अमरीका के खुफिया अधिकारियों ने सरकार के एक वॉचडॉग से शिकायत की थी कि ट्रंप ने एक विदेशी नेता से बातचीत की है। बाद में पता चला कि ये विदेशी नेता यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदीमीर ज़ेलेंस्की हैं। इंटेलिजेंस इंस्पेक्टर जनरल ने व्हिसल ब्लोअर की शिकायत को “तत्काल ध्यान में लेने योग्य” और विश्वसनीय माना था, उस शिकायत की कॉपी की डेमोक्रेट्स ने संसद में मांग की थी, लेकिन व्हाइट हाउस और न्याय विभाग ने इसकी प्रति मुहैया कराने से इनकार कर दिया।

दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई थी, ये साफ़ नहीं है लेकिन डेमोक्रेट्स का आरोप है कि ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति पर बाईडन और उनके बेटे के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने का दबाव बनाया और ऐसा ना करने पर यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य मदद रोकने की धमकी दी।

हालांकि ट्रंप ने माना है कि उन्होंने ज़ेलेंस्की से जो बाईडन के बारे में चर्चा की थी, लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि उन्होंने सैन्य मदद रोकने की धमकी इसलिए दी ताकि यूरोप भी मदद के लिए आगे आए।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *