अब्बास अंसारी की गिरफ़्तारी पर रोक लगाते हुवे हाई कोर्ट ने लगाई सरकार और पुलिस को फटकार
आफताब फारुकी
लखनऊ/ मुख्तार अंसारी के परिवार के मामले में एक बार फिर उत्तर प्रदेश पुलिस को शर्मसार होना पड़ा। हाईकोर्ट के लखनऊ डबल बेंच कोर्ट नम्बर 9 न्यायमूर्ति अबीबुल हसन व न्यायमूर्ति रेखा दीक्षित के खंडपीठ ने ख्याति प्राप्त शूटिंग खिलाड़ी अब्बास अंसारी के गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए पुलिस और राज्य सरकार को फटकार लगाई।
गौरतलब है कि बीते दिनों पुलिस ने मुख्तार के बेटे और बसपा के युवा नेता अब्बास अंसारी के नई दिल्ली के आवास से कई असलहे बरामद किए थे। जिसके बारे में बताया गया कि यह आधा दर्जन असलहे एक लाइसेंस पर खरीदे गए हैं। इसके बाद पुलिस ने लखनऊ के महानगर कोतवाली में अब्बास अंसारी के खिलाफ मामला दर्ज किया। केस दर्ज होने के बाद से अब्बास अंसारी को पुलिस फरार बता रही थी और गिरफ़्तारी का प्रयास कर रही थी। इसी बीच अब्बास अंसारी के द्वारा हाई कोर्ट की शरण लिया गया। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने आज उन्हें बड़ी राहत दी।
लखनऊ बेंच ने इस प्रकरण में अब्बास की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट के जस्टिस शबीहुल हसनैन व जस्टिस रेखा दीक्षित की बेंच ने अब्बास अंसारी की गिरफ्तारी पर रोक का आदेश दिया है। अदालत ने प्रदेश सरकार और पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुवे कहा कि जब लखनऊ के जिलाधिकारी ने अब्बास अंसारी के असलहे के लाईसेंस के संदर्भ में एनओसी जारी कर दी थी। ज्वाइंट कमिश्नर आफ दिल्ली पुलिस ने अब्बास अंसारी को लाईसेंस जारी कर दिया था, तो इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस कैसे एफआईआर दर्ज कर लिया। केस का न्यायिक क्षेत्र दिल्ली है। यह उत्तर प्रदेश के न्यायिक क्षेत्र से बाहर है।
कोर्ट ने अब्बास अंसारी के गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए, पुलिस तीन सप्ताह के अंदर जवाब मांगा कि अब्बास अंसारी पर यूपी पुलिस ने क्यों कार्रवाई की। याचिकाकर्ता अब्बास अंसारी के वकील सिद्धार्थ सिन्हा ने पीठ के समक्ष दलील देते हुवे साक्ष्य प्रस्तुत किया कि दिल्ली से संबंधित मामले के रूप में क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र की कमी के आधार पर यूपी में एफआईआर टिकाऊ नहीं थी। उन्होंने दलील दिया कि कोई भी प्रतिबंधित हथियार बरामद नहीं किया गया। जो हथियार बरामद किए गए थे, वे कानूनी अनुमति के बाद ही जारी किए गए थे।
बताते चले कि बीते गुरुवार को अब्बास अंसारी के दिल्ली के वसंत कुंज स्थित आवास पर लखनऊ पुलिस की क्राइम ब्रांच और दिल्ली पुलिस ने छापेमारी की थी। इस छापेमारी में पुलिस ने छह असलहे और 4000 हजार से ज्यादा कारतूस बरामद किए थे। बरामद हथियार व कारतूस की कीमत लाखों में बताई जा रही है। जब्त असलहों में इटली, आस्ट्रिया और स्लोवेनिया मेड रिवाल्वर, बंदूक और कारतूस शामिल हैं। इटली व स्लोवेनिया से खरीदी गई डबल बैरल और सिंगल बैरल गन भी हैं। इसके अलावा मैग्नम की रायफल, अमेरिका मेड रिवाल्वर, आस्ट्रिया की स्लाइड और ऑटो बोर पिस्टल भी जब्त की गई। आस्ट्रिया की बनी मैगजीन और साढ़े चार हजार कारतूस भी पुलिस को मिले थे।