बलात्कार आरोपी भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानन्द की वकील ने रेप पीडिता और उसके साथियों पर गैंगेस्टर लगाने का अदालत से किया अनुरोध
आदिल अहमद
लखनऊ : बलात्कार आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता चिन्मयानंद पर लॉ छात्रा से रेप के मामले छात्रा की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है। इस मामले में अब चिन्मयानंद की वकील पूजा सिंह ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह पुलिस को लॉ छात्रा और उसके अन्य तीन अन्य साथियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में मामला दर्ज करने का आदेश दे।
पूजा सिंह के अनुसार आरोपी लड़की और उसके पिता ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर चिन्मयानंद से वसूली के लिए उनपर यह झूठा आरोप लगाया था। बताते चले कि पिछले महीने ही मामले की जांच के लिए बनी एसआईटी ने लॉ की छात्रा को गिरफ्तार कर लिया था। छात्रा की गिरफ्तारी को लेकर एसआईटी प्रमुख नवीन अरोड़ा ने कहा था कि लड़की के खिलाफ उनके पास पर्याप्त सबूत हैं। इन्हीं सबूतों के आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया है।
अरोड़ा ने संवाददाताओं से कहा था कि इस पूरे मामले की जांच के दौरान हमें कई ऐसे सबूत मिले जिसे लेकर लड़की से पूछताछ करने की जरूरत महसूस हुई। उन्होंने कहा था कि हमारे पास चिन्मयानंद से पांच करोड़ रुपये मांगने को लेकर भी सबूत हैं। इस मामले में गिरफ्तार अन्य आरोपियों ने पुलिस को बताया था कि लड़की के कहने पर ही उन्होंने चिन्मयानंद को व्हाटस एप मैसेज किया था। अरोड़ा ने बताया था कि एसआईटी ने सारे डिजिटल साक्ष्य लिये और उनके आधार पर लड़की से पूछताछ की। सबकी लोकेशन चेक करायी गई। जब इस मामले में लड़की के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले तभी उसे गिरफ्तार किया गया है।
गौरतलब है कि 23 वर्षीय युवती अपनी याचिका पर सुनवाई के लिए शाहजहांपुर की एक कोर्ट में जा रही थी, तभी भारी संख्या में मौजूद पुलिसबल ने उसे रास्ते में रोक लिया था। इसके बाद उसे जबरन अपने वाहन में बैठा लिया गया था। हालांकि, युवती ने पुलिस के साथ जाने से मना कर दिया था और कहा था कि उसे याचिका पर सुनवाई के लिए कोर्ट जाना है। इस दौरान वहां पर हंगामा हो गया और वहां मीडिया पहुंच गई थी। इसके बाद ही पुलिस ने युवती को कोर्ट जाने दिया था।
गौरतलब है कि छात्रा के वकील अनूप त्रिवेदी ने पत्रकारों को बताया था कि एडीजे सुधीर कुमार की अदालत ने स्वामी चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली छात्रा की अग्रिम जमानत याचिका विचारार्थ स्वीकार कर ली। त्रिवेदी ने कहा था कि यह राहत की बात है कि अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका विचारार्थ स्वीकार कर ली है और सामान्यत: ऐसे मामलों में गिरफ्तारी नहीं होती थी। इस बीच, छात्रा को अदालत से उसके घर छोड़ने पहुंची एसआईटी ने लड़की से उसके घर पर देर शाम तीन घंटे तक पूछताछ की। पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी को आधार माने तो पूछताछ करने वाली टीम में दो महिला अधिकारियों के अलावा सात लोग थे। एसआईटी ने छात्रा से किन बिंदुओं पर पूछताछ की, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई।