आरसीईपी के विरोध में गरजे किसान, सड़क पर किया प्रदर्शन

अब्दुल बासित मलक

करनाल (नरवाल) : भारतीय किसान यूनियन के सैंकड़ों कार्यकत्र्ताओं ने क्षेत्रीय व्यापक, आॢथक भागेदारी (आरसीईपी.) प्रस्तावित समझौते के विरोध में करनाल की सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया।कार्यकत्र्ताओं ने इस दौरान केंद्र में शासित भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जाहिर किया। प्रदर्शन करने के उपरांत लघु सचिवालय पहुंच कर केंद्रीय वाणिज्य मंत्री व प्रधानमंत्री के नाम करनाल के नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर भारतीय किसानों के हित में निर्णय लेने की मांग की गई।

इससे पूर्व महात्मा गांधी चौक पर जिलेभर से आए सैंकड़ों किसानों ने एकत्रित होकर किसान महापंचायत का आयोजन किया।भाकियू नेताओं ने इस समझौते को लेकर केंद्र सरकार की जमकर आलोचना करते हुए कहा कि सरकार खेती किसानी किसानों को खत्म करने पर तुली हुई है और किसानों का जमकर शोषण किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने आर.सी.ई.पी. समझौते को लागू करने के साथ किसानों को तबाह करने की तैयारी कर ली है। किसान नेताओं ने कहा कि क्षेत्रिय व्यापक, आॢथक भागेदारी (आरसीईपी) को लेकर किए जा रहे केंद्र सरकार के समझौते को किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।

चाहे इसके विरोध में किसानों को किसी प्रकार की कुर्बानी क्यों न देनी पड़े। भाकियू नेताओं ने कहा कि सरकार ने किसानों की रायशुमारी के बिना आरसीईपी थोपना चाहती है। इस समझौते के लागू होने के बाद विदेशी कम्पनियों का राज कायम हो जाएगा और किसानों के हाथ में कुछ नहीं रहेगा।

भाकियू नेताओं का कहना है कि जो देश में हमारे डेयरी जैसे क्षेत्र में जो हमारे लाखों सीमांत किसान महिलाओं की आजीविका का जरिया है, वह चौपट हो जाएगा। इसमें बीज कम्पनियों को अपने बौद्धिक सम्पदा अधिकारों की रक्षा करने के लिए अधिक शक्तियां मिलेंगी। किसान जब अगली फसल या विनियम के लिए बीज बचाएंगे तो इसे अपराध की श्रेणी में माना जाएगा।

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