वो बदकिस्मत – नेत्रहीन माता पिता के सामने उनकी बेटी से किया बलात्कार, गर्भवती होने पर ज़बरदस्ती कराया गर्भपात, थाने गई इन्साफ मांगने तो मिली दुत्कार
तब्जील अहमद
कौशांबी। जिले के चरवा थाना इलाके में नेत्रहीन माता पिता के सामने उसकी बेटी से पड़ोस के युवक ने पहले तो बलात्कार किया। जब युवती चार माह की गर्भवती हो गई तो आरोपी युवक ने एक झोलाछाप डॉक्टर के क्लिनिक पर ले जाकर उसका जबरियन अबॉर्शन करवा दिया। जब यह बात परिजनों को पता चली तो वह पीड़ित युवती को अपने साथ लेकर मामले की शिकायत करने चरवा थाने पहुंचे।
आरोप है कि चरवा पुलिस ने उसका मुकदमा नही दर्ज किया। जिसके बाद सोमवार को पीड़िता अपने दिव्यांग माता पिता के साथ मामले की फरियाद लेकर कौशांबी एसपी के दफ्तर पहुंची। जहाँ एसपी के गैर मौजूदगी में पीड़ितों की फरियाद सुन रहे सर्किल अफसर सदर से इंसाफ की गुहार लगाई। दरिंदगी की शिकार पीड़िता की सारी दास्तान सुनने के बाद सीओ भी दंग रह गए। जिसके बाद सर्किल अफसर ने थाना प्रभारी चरवा को फोन कर पहले तो फटकार लगाई। उसके बाद तत्काल पीड़िता के तहरीर पर आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाई के लिए निर्देशित किया है।
सर्किल अफसर के दफ्तर इंसाफ की गुहार लेकर पहुंची पीड़िता के मुताबिक अब से चार माह पहले वह पड़ोसी युवक की हैवानियत की शिकार हुई तब हुई जब उसका भाई ईट भट्ठे पर मजदूरी करने चला गया था। घर पर सिर्फ पीड़िता व उसके नेत्रहीन माता पिता थे। रात में दीवार फांद कर घर मे घुसे पड़ोस के दिलीप कुमार ने उसे धर दबोचा। जब पीड़िता चीखी चिल्लाई तो उसके दिव्यांग माता पिता बचाव में आये। लेकिन वहशी दरिंदे ने न सिर्फ उसके माँ बाप को जान से मारने की धमकी दी बल्कि उन्ही के सामने उसकी बेटी की अस्मत को तार तार कर दिया।
इतना ही नही अपनी हवस पूरी करने के बाद आरोपित ने धमकी दिया कि यदि यह बात वह किसी से बताई तो उसे परिवार सहित जान से मार दिया जाएगा। पीड़िता के भाई के मुताबिक जब उसकी बहन चार माह की गर्भवती हुई तो आरोपी युवक उसे डरा धमका कर एक झोलाछाप डॉक्टर के क्लिनिक पर ले गया। जहाँ उसका अबॉर्शन करवा दिया। अबॉर्शन के बाद बेहद कमजोर हो चुकी पीड़िता की हालत बिगड़ने की खबर जब उसे मिली तो वह ईट भट्ठे से अपने घर आया। जब उसे पूरे घटनाक्रम की जानकारी हुई तो उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। जिसके बाद वह परिवार सहित मामले की शिकायत लेकर थाने पहुंचा। आरोप है कि पुलिस ने मुकदमा लिखने के बजाए उसे भला बुरा कह कर भगा दिया।
इंसाफ के बदले थाने से दुत्कार मिलने के बाद पीड़िता अपनी गुहार लेकर पुलिस अफसरों के चौखट पर पहुंची और न्याय की गुहार लगाई। सर्किल अफसर सदर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सर्व प्रथम थाना प्रभारी को फोन कर फटकार लगाई। उसके बाद पीड़िता के तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर आरोपित के खिलाफ कार्यवाई के लिए निर्देशित किया।