बिगड़ चुकी है दिल्ली की आबो हवा, जाने क्यों कहा केजरीवाल ने दिल्ली की आबो हवा को गैस चेंबर जैसा
आफताब फारुकी
नई दिल्ली: दिल्ली की आबो हवा कुछ इस तरह हो गई है कि साँस लेना मुश्किल होता जा रहा है। एक तरह से हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात होते जा रहे है। नार्मल जीवन में लोग घर के बाहर मास्क लगा कर चल रहे है। ऐसा लग रहा है जैसे दिल्ली एक गैस चेंबर के रूप में बदल चुकी हो। सिस्टम ऑफ़ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च के अनुसार, एयर क्वालिटी इंडेक्स ने शुक्रवार की सुबह 412 रिकॉर्ड किया, जो “बहुत गंभीर” श्रेणी में है। हवा में प्रदूषण का स्तर बताने वाला एयर क्वालिटी इंडेक्स बुधवार को दिल्ली में 418 पर पहुंच गया है। यह कैटेगरी के हिसाब से खतरनाक माना जाता है।
खट्टर और कैप्टन सरकारें अपने किसानों को पराली जलाने पर मजबूर कर रहीं हैं जिसकी वजह से दिल्ली में भारी प्रदूषण है
कल पंजाब और हरियाणा भवन पर लोगों ने प्रदर्शन कर वहां की सरकारों के प्रति अपना रोष प्रकट किया। https://t.co/p4MfgVND4C
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 1, 2019
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान घोषणा की। केजरीवाल ने कहा था कि परसों से हम मास्क बांटना शुरू करेंगे और अगले 1 हफ्ते के अंदर सभी घरों में मास्क पहुंच जाएंगे। केजरीवाल के मुताबिक ये मास्क बढ़िया क्वालिटी के N-95 मास्क होंगे जो सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को दिए जाएंगे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण स्तर के लिए हरियाणा और पंजाब सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। केजरीवाल ने इस समस्या को नियंत्रित करने में विफल रहने के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों की आलोचना की, उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी को “गैस चैंबर” बताया। ट्विटर पर अरविंद केजरीवाल ने लिखा, ”खट्टर और कैप्टन सरकारें अपने किसानों को पराली जलाने पर मजबूर कर रहीं हैं जिसकी वजह से दिल्ली में भारी प्रदूषण है। कल पंजाब और हरियाणा भवन पर लोगों ने प्रदर्शन कर वहां की सरकारों के प्रति अपना रोष प्रकट किया।’
अपने एक और ट्वीट केजरीवाल ने लिखा, ”पड़ोसी राज्यों में पराली के धुएं के कारण दिल्ली गैस चैंबर में बदल गई है। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम खुद को इस जहरीली हवा से बचाएं। प्राइवेट और सरकारी स्कूलों के माध्यम से, हमने आज 50 लाख मास्क वितरित करना शुरू कर दिया है। मैं सभी दिल्लीवासियों से आग्रह करता हूं कि जब भी जरूरत हो, उनका उपयोग करें।”’