सरकार बनने में सियासी गतिरोध के बीच महाराष्ट्र सीएम देवेन्द्र फडणवीस का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा

शेख जुबैर

नई दिल्‍ली: महाराष्ट्र में सियासी घमासान जारी है। इस दौरान भाजपा और शिवसेना के बीच लगातार खीच तान का माहोल बना हुआ है। शिवसेना चाहती है कि ढाई-ढाई साल का मसौदा हो और दोनों दल के अलग मुख्यमंत्री ढाई ढाई साल रहे। वही भाजपा अपनी बात पर अड़ी बैठी है और वह शिवसेना को केवल उपमुख्यमंत्री तक ही सीमित रखना चाहती है। इस सबके बीच कल महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है। महाराष्‍ट्र में जारी इस राजनीतिक गतिरोध के बीच मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज शुक्रवार को राज्‍यपाल भगत सिंह कोश्‍यारी से मुलाकात कर उन्‍हें अपना इस्‍तीफा सौंप दिया।

राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद उन्होंने महाराष्ट्र की जनता का आभार जताया। इस मौके पर एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए फडणवीस ने कहा कि पिछले 5 सालों में किसानों के हित के लिए काम किया। मुंबई में इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने का भी काम किया।

गौरतलब है कि शिवसेना महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद साझा करने की अपनी मांग पर शुक्रवार को भी अड़ी रही और उसने भाजपा से राज्य की सत्ता में बने रहने के लिए “कार्यवाहक” सरकार के प्रावधान का दुरुपयोग नहीं करने को कहा। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि भाजपा को शिवसेना के पास तभी आना चाहिए जब वह महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री का पद अपनी सहयोगी पार्टी के साथ साझा करने के लिए तैयार हो। शिवसेना प्रवक्ता ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल (नौ नवंबर को) समाप्त हो रहा है। भाजपा को कार्यवाहक प्रावधान को नहीं खींचना और पर्दे के पीछे से काम नहीं करना चाहिए। हमें बुरा नहीं लगेगा अगर भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में सरकार बनाने का दावा पेश करती है और सरकार बनाती है।

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