फोटोग्राफी के लिए परफेक्ट है दुधवा नेशनल पार्क, दुधवा में मौजूद है खूबसूरत तितलियों की 83 और पंछियों की 400 से भी ज्यादा प्रजातियां
फारूख हुसैन
पलिया कलां (खीरी)= हमारे देश के अलावा बाहर के लोगों में भी फोटोग्राफी का काफी शौक देखा जाता है और वह अपने आस पास के क्षेत्र के अलावा बाहर भी भी फोटोग्राफी के लिये जाते हैं और अपने कैमरों में अपने यादगार पलों को सजाकर रखते हैं इसके साथ ही वह तरह तरह की खूबसूरत इलाकों,पेड़ पौधों,जानवर, पंक्षियों की फोटो खींचते हैं और अपने शौक को पूरा करते हैं और हां अगर आप फोटोग्राफी करने का शौक रखते हैं, तो अब आप कहीं न जाकर सीधे 884 वर्ग किलोमीटर में फैले विशाल दुधवा नेशनल पार्क में आ सकते हैं। जो तमाम तरह के खूबसूरत इलाकों के अलावा बहुत से वन्यजीव,पंक्षियों,खूबसूरत तितलियों का घर हैं।
इसके अलावा आपको बहुत से ऐसे पेड़ पौधे देखने को मिलेगें जो बरबस ही आपका ध्यान आक्रषित कर लेगें और आप उसमें खो से जायेगें ।आपको बता दें कि दुधवा नेशनल पार्क भारत- नेपाल सीमा के पास उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी राज्य के तराई इलाके पलिया कलां से महज दस किलोमीटर पर स्थित है। इसे 1958 में वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के रूप में स्थापित किया गया था और 1977 में यह एक नेशनल पार्क बन गया ।इस नेशनल पार्क में पर्यावरण की वो मनमोहक खुशबू है जो कहीं आपको नहीं मिल सकती।
विचरण करने वाले वनयजीव और पंक्षी
दुधवा नेशनल पार्क में बाघ, तेन्दुआ, भालू, स्याही, फ्लाइंग स्क्वेरल हाथी,एक सींघ वाला गेंडा (राइनो सार्स),हिरन की एक साथ दिखने वाली पांच प्रंजातिया चीतल, सांभर, काकड़, बारहसिंहा,पाढ़ा(जो दुनियां भर में किसी भी उद्यान में आपको देखने के लिये नहीं मिलेगीं)मगरमच्छ समेत 400 पक्षियों की प्रजातियां शामिल हैं।
इसके अलावा रेप्टाइल्स (सरीसृप), एम्फीबियन व कई अलग-अलग तरह की तितलियां मौजूद हैं । भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाने वाले लगभग1300 पक्षियों में,450 से ज्यादा प्रजातियां अकेले दुधवा में देखी जा सकती हैं
इनमें हॉर्नबिल, रेड जंगल फ़ॉवल, पीटा फोवल, बंगाल फ्लोरिकन, मत्स्य पालन ईगल, बंगाल फ्लोरिकन, सर्प ईगल, ऑस्प्रे, स्वर्ग फ्लाईकचर, वुडपैकर्स, शामा, इंडियन पिटा, ओरिओल्स, एमेरल्ड कबव आदि शामिल हैं और सर्दी के मौसम में दुधवा नेशनल पार्क में विभिन्न प्रवासी पक्षियों को देखा जा सकता है। अगर हम रंगबिरगी तितलियों की बात करें तो पूरे विश्व में 17281 उत्तर प्रदेश में 1500 प्रजातियां तितलियों की पायी जाती हैं जिनमें 83 प्रजातियां आपको दुधवा नेशनल पार्क में देखने को मिल सकतीं हैं । जिनका फोटोग्राफी कर आप उनको सहेज कर रख सकते हैं और हां खास बात यह आपको बता दें कि पार्क के अंदर ही एक खूबसूरत म्यूजियम भी है जहां पर आपको वन्यजीवों की ममियां,वन्यजीवों,पंक्षयों, तितलियों और पेड़पौधों (औषधि) की तमाम जानकारियां (जिनमें वन्यजीवों के रहन सहन उनके हमले से बचाव उनकी आदते) भी मिल सकती है।
जाने से पहले ध्यान रखें ये बातें
सर्दियों के मौसम आते ही दुधवा के जानवरों की लाइफ स्टाइल भी बदल जाती है जैसे की घने जंगलों के बीच रह रहे वन्यजीव सर्दियों की धूप खाने बाहर निकलते हैं। दुधवा के नकहुआ नदी के बाहर तमाम मगमच्छ आराम फरमाते हुए देखे जा सकते हैं. इसी नदी के आसपास बारहसिंघों के झुंड भी निकल पड़ते हैं. सर्दियां आते ही जानवर अपने लिए गर्म आशियाना तलाश करने में दिन भर भटकते हैं. रात के वक्त इनको डिस्टर्ब करना खतरनाक है, इसलिए जंगल सफारी सिर्फ दिन के उजाले में ही हो सकती है।
कैसे पहुंचे दुधवा
दुधवा नेशनल पार्क उत्तर प्रदेश के खीरी जिले में पलिया तहसील में पड़ता है आप लखनऊ से सड़क के रास्ते लखीमपुर, मैलानी व पलिया होते हुए पहुंच सकते है लखनऊ से दुधवा की दूरी लगभग 220 किलोमीटर है। वहां से मैलानी होते हुए दुधवा महज 107 किलोमीटर है. कतर्निया घाट के लिए एक रास्ता दुधवा के बीच भी होकर निकलता है। मुख्य रास्ता दुधवा से वापस पलिया होकर है। सीधे कतर्निया घाट जाना हो, तो बहराइच से वह 86 किलोमीटर दूर है।
घूमने के लिए बेस्ट टाइम
आपको अपने खूबसूरत लम्हों को यादगार बनाना है तो आपका दिसम्बर से मार्च का समय बसे बेहतर रहेगा जिसमें आप हमारे दुर्लभ दुधवा की शान बंगाल टाइगर और राइनो सार्स (वन्यजीवों) और प्रवासी पंक्षियों के दर्शन आप आसानी से कर सकते हैं ।
कहां ठहरें आप
दुधवा में ठहरने के लिये आपको थारू हट दुधवा, वन विश्राम भवन बनकटी, किशनपुर, सोनारीपुर, बेलरायां, सलूकापुर, सठियाना वन विश्राम भवन मौजूद हैं जिनकी आप आनलाइन बुकिंग भी कर सकते हैं।