न प्रदूषण का खौफ न दंड का भय धड़ल्ले से जलाई जा रही धान की पराली
बापू नंदन मिश्र
रतनपुरा (मऊ) न प्रदूषण का खौफ न दंड का भय धड़ल्ले से जलाई जा रही धान की पराली। तमाम सरकारी फरमानो को धता बताते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर किसान धान की पराली जला रहे हैं।यद्यपि पराली जलाने पर आर्थिक दंड का प्रावधान किया गया है। किंतु इसका कोई प्रभाव होता नहीं दिख रहा है।
जबकि समाचार पत्रों एवं अन्य संचार माध्यमों से इससे होने वाले नुकसान के बारे में ब्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है। देश की राजधानी सहित कई शहरों में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक जा पहुँचा है।जिसके कारण वहाँ अनेक तरह की समस्याएँ उत्पन्न हो गई है। इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने पराली जलाने को प्रतिबंधित कर दिया है।लेकिन किसान इस बात को समझने को तैयार नहीं है। ऐसे में अब देखना यह है कि किस तरह इस कार्य को रोका जाता है।