ठंड 24 घंटे, फिर 12 घंटे क्यों खुल रहे रैन बसेरे
अब्दुल बासित मलक
हरियाणा प्रदेश न्यूज़
यमुनानगर जमुना गली की काशी राम धर्मशाला, रेलवे स्टेशन के नजदीक संत निरंकारी भवन के सामने, यमुनानगर बस स्टैंड के नजदीक व जगाधरी बस स्टैंड में सुलभ शौचालय के ऊपर बेसहारा लोगों के लिए रैन बसेरा बनाए गए हैं। आसपास के लोगों का आरोप है कि यह समय से नहीं खुलते। आसपास गंदगी होने के कारण भी लोग आने से परहेज करते हैं। कुछ रैन बसेरा में तो समय से लाइट भी नहीं जलती।
लोगों का कहना है कि जब ये बेसहारा लोगों की सुविधा के लिए बनाए हैं तो इन्हें 24 घंटे के लिए ही खोला जाए। ऐसा नहीं है कि ठंड सिर्फ शाम के 7 से सुबह के 7 बजे तक ही होती है। अधिकतर वो लोग यहां आते हैं जो लोग भीख मांगकर अपना गुजर बसर कर रहे हैं।
इसके अलावा लोगों का सुझाव है कि लोग दान भी खूब करते हैं। यदि यहां पर मौजूद लोगों को ही खाना दिया जाए तो जहां उन्हें पुण्य मिलेगा वहां उनका पेट भरेगा। लोगों की मांग है कि रैन बसेरा खोलने या बंद करने की जिम्मेदारी जिन लोगों को मिली और जो ओवर आल इंचार्ज है उनके नंबर भी सार्वजनिक हों। जिला सचिवालय, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भी रैन बसेरा में मिलने वाली सुविधा सार्वजनिक हो।
करते हैं कम्बल मिलने का इंतजार
बातचीत में सामने आया है कि इन्हीं रैन बसेरों के सामने डिवाइडर पर लोग बैठे हैंं। ये वो भीड़ है जिन्हें कंबल मिलने का इंतजार होता है। हर दिन इन्हें दानी सज्जनों का इंतजार होता है। बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ लोग ऐसे हैं जो कम्बल को बेचकर अपनी नशे की आपूॢत को पूरी करते हैं, वहीं रैन बसेरे की पूरी जागरूकता न होने के कारण लोग यहां तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसके लिए जिम्मेदार लोग बैठक करें या फिर सार्वजनिक सूचना दें। सूचना देने का माध्यम अखबार या निजी चैनल भी हो सकते हैं।
सभी को मिले सुविधा, लोग भी रखें विचार
शहर में एन.जी.ओ. की कमी नहीं है। इस मुद्दे की ओर किसी का भी ध्यान नहीं है। शहर के बुद्धिजीवी वर्ग इस पर अपनी राय दे सकते हैं। वो राय रैडक्रास सचिव के हुडा कार्यालय, नगर निगम के ई.ओ. कार्यालय या फिर डी.सी. कार्यालय में दी जा सकती है। मुद्दा एक ही है कि बेसहारा आदमी ठंड से न मरे। इन रैन बसेरों का लाभ उन्हें मिले। ऐसी व्यवस्था हो कि रैन बसेरे लोगों के लिए 24 घंटे खुले मिले। पिछले दिनों जब पंजाब केसरी ने औचक निरीक्षण किया था तब 1-2 रैन बसेरा पर शाम के समय ताले लगे थे। यह सूचना भी आसपास के लोगों ने ही दी थी। यदि इस व्यवस्था को पुख्ता बनाना है तो आसपास के लोग और मौजिज लोग अपनी राय जरूर रखें।
रणदीप सिंह, सचिव, रैडक्रास ने कहा कि शाम 7 से सुबह 7 तक रैन बसेरे खुले होते हैं। आंधी बारिश या तूफान में 24 घंटे खोलने के निर्देश हैं। रात 9 से 12 बजे तक वे बेसहारा लोगों को रैन बसेरा तक लेकर आते हैं। शाम 7 से पहले और बाद में। इसी तरह सुबह 7 के बाद फोटो भेजने के दिशा-निर्देश है। हम औचक निरीक्षण भी करते हैं।
मुकुल कुमार, डी.सी. यमुनानगर ने कहा किमैंने पूर्व में भी औचक निरीक्षण किया था और दिशा-निर्देश दिए थे। अब फिर जांच की जाएगी। एस.डी.एम. या अन्य अधिकारियों को भी औचक निरीक्षण के निर्देश दिए जाएंगे। जिला प्रशासन का प्रयास है कि ठंड किसी पर भारी न पड़े। लोगों के सुझाव भी आमंत्रित है। उन पर भी काम होगा।