सुशासन बाबू के शराबबंदी पर डीजीपी के दावों ने पूरे बिहार पुलिस को मजाक का पात्र बना दिया, डीजीपी के फेसबुक पेज पर देखिये आये कैसे कैसे कमेन्ट
अनिल कुमार
पटना। बिहार के डीजीपी श्री गुप्तेश्वर पांडेय ने फेसबुक पर पूर्ण शराबबंदी का पोस्ट डाल कर बिहार पुलिस का मजाक उड़वा दिया। सुबे के पुलिस मुखिया ने 16 दिसंबर को अपने फेसबुक पेज पर पूर्ण शराबबंदी को लेकर पूरे ग्राफिक्स के साथ पोस्ट शेयर किया था। डीजीपी को ऐसा आभास हुआ था कि बिहार की जनता शराबबंदी वाले पोस्ट पर खुश होगी और बिहार पुलिस की वाहवाही होगी पर डीजीपी को यह दाव उल्टा पर गया।
पुलिस मुखिया के फेसबुक पेज पर करीब हजारो लोगो ने अपने अपने कमेंट्स करना शुरू दिये जिसमें अधिकतर लोगो ने पूर्ण शराबबंदी को फ्लॉप करार दिया और गिनती के दो चार लोगो ने शराबबंदी को सफल बताया।
एक युवक ने तो डीजीपी सहाब से यहाँ तक पूछ डाला कि साहब आप ब्रांड और जगह का नाम बता दीजिए,वहां पहुँच जाएगा। ऐसे ऐसे टिप्पणी करने वालो ने अपने अपने गांव और शहर का नाम भी बताया। टिप्पणी करने वालो ने डीजीपी साहब को पोस्ट किया कि पहले तो शराब लाने के लिए जाना पड़ता था और अब तो घर पर ही होम डिलेवरी हो रही है।
शराबबंदी को लेकर प्रतिदिन बिहार सरकार की किरकिरी हो रही है। एक तरफ सुशासन बाबू पूर्ण शराबबंदी पर अपनी पीठ थपथपाते हैं तो दूसरे तरफ सरेआम शराब बिकना बिहार सरकार के पूर्ण शराबबंदी के दावों की पोल खोलती है। बीते दिन बिहार के बगहा जिला मे वाल्मिकीनगर टाइगर रिर्जव के फॉरेस्टर ने शराब पीकर जबरदस्त हंगामा किया और सहयोगियों को गाली गलौज किया। काफी जद्दोजहद के बाद फॉरेस्टर को पुलिस ने गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया। ऐसी ऐसी घटना बिहार मे प्रतिदिन होती रहती है फिर भी सुशासन बाबू अपने जल जीवन हरियाली यात्रा पर पूर्ण शराबबंदी के खूब कसीदे पढ़ रहे है। बिहार के प्रत्येक जिला मे शराब की जबरदस्त खेप पहुँच रही है और पुलिसकर्मी मालामाल हो रहे हैं। अगर शराब बेचने की घटना को आला अधिकारी के पास जानकारी दी जाती है तब कुछ कारवाई होता है वह भी सिर्फ शराब पीने वालो और शराब विक्रेता पर । न की संबंधित थानों के पदाधिकारियों और जिला के पुलिस अधिकारियों पर।
यह बात तो तय है कि जब तक बिहार पुलिस अपने विभाग में फैली भ्रष्टाचार को खत्म नही करेगी तब तक न तो पूर्ण शराबबंदी पर सफलता मिलेगी और न ही अपराध पर नियंत्रण।