दिल्ली – जमकर हुआ CAA और NRC के विरोध में प्रदर्शन, जनजीवन तक हुआ अस्तव्यस्त
करिश्मा अग्रवाल
नई दिल्ली: मध्य दिल्ली में ऐतिहासिक जामा मस्जिद के पास हजारों लोगों ने शुक्रवार को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया। पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की भारी तैनाती के बीच हाथों में तख्तियां लिये प्रदर्शनकारियों ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ नारेबाजी करके अपना विरोध दर्ज कराया और इस विवादित कानून को वापस लेने की मांग की।
मस्जिद में शुक्रवार की नमाज में शामिल होने के बाद बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन में शामिल हुए। हाथों में संविधान की एक प्रति लिए हुए भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे थे। हाथों में तिरंगा और बैनर पकड़े प्रदर्शनकारियों ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ नारेबाजी की। बैनरों पर ‘संविधान बचाओ’ जैसे नारे लिखे थे। लोग जामा मस्जिद के गेट नंबर एक पर जमा हुए और ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारे लगाए तथा ‘सारे जहां से अच्छा’ गीत गाया। इन लोगों पर ड्रोन विमानों से नजर रखी गई। कुछ प्रदर्शनकारी बीआर आंबेडकर, कांशीराम और भगत सिंह के पोस्टर लिए हुए थे।
वही हिंसक हुवे इस प्रदर्शन में दिल्ली के दरियागंज इलाके में शुक्रवार को नये नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान एक कार को आग के हवाले कर दिया गया। राष्ट्रीय राजधानी में दिनभर हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद आगजनी की यह पहली घटना है। पुलिस ने पुरानी दिल्ली से जंतर मंतर की ओर मार्च का प्रयास कर रहे प्रदर्शनकारियों के विशाल समूह पर पानी की बौछारें कीं और लाठीचार्ज भी किया। दिल्ली पुलिस ने क्षेत्र में किसी भी प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कई अन्य क्षेत्रों में भी प्रदर्शन हुए जिनमें उत्तर-पूर्व दिल्ली का सीलमपुर भी शामिल था। सीलमपुर में ही मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने बड़े पैमाने पर हिंसा की थी।
जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च निकाल रहे लोगों को दिल्ली गेट के पास रोक दिया गया। पुलिस ने क्षेत्र में मुख्य मार्गों से जुड़ी सभी सड़कों पर बेरिकेडिंग लगा दी थी। इससे यातायात जाम लग गया। भीम आर्मी प्रमुख आजाद ने जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक विरोध मार्च का आह्वान किया था। स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए क्षेत्र में रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) को तैनात किया गया है।
राष्ट्रीय राजधानी के अन्य कई इलाकों में बृहस्पतिवार को भी व्यापक प्रदर्शन देखने को मिला था। हजारों छात्र, कार्यकर्ता और विपक्षी पार्टियों के नेता सुरक्षा बलों की भारी तैनाती और निषेधाज्ञा के बावजूद सड़कों पर उतरे थे। आंदोलन को काबू में करने के लिए बृहस्पतिवार को दिल्ली के कई क्षेत्रों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई थी।
नए कानून के विरोध में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के सड़कों पर उतर आने के कारण जामा मस्जिद और लाल किले की ओर जाने वाले कई मार्गों में भीषण जाम नजर आया।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार नेताजी सुभाष मार्ग को वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया।
जामा मस्जिद इलाके में रहने वाले लोगों ने शुक्रवार को पुलिस के साथ सहयोग और शांति का अपना संदेश व्यक्त करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को गुलाब के फूल भेंट किए। एक दिन पहले जंतर मंतर पर भी प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा कर्मियों को गुलाब के फूल दिए थे। उनका कहना था कि पुलिस जितनी मर्जी उन पर लाठी चार्ज कर सकती है लेकिन उनका संदेश है ‘नफरत के बदले प्यार’। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार स्थानीय लोगों ने कहा कि वे इलाके में शांति चाहते हैं और वे पुलिस के साथ सहयोग करेंगे।
कड़ाके की ठंड के बावजूद जामिया मिलिया इस्मामिया के बाहर सड़क पर सैकड़ों लोग जमा हुए और संशोधित नागरिकता कानून तथा प्रस्तावित देशव्यापी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ शुक्रवार को भी विरोध प्रदर्शन जारी रखा। इस विश्वविद्यालय में बाहर बीते 15 दिसंबर को प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद पुलिस कार्रवाई में 50 से अधिक छात्रों के घायल होने के बाद विरोध प्रदर्शन का यह पांचवां दिन है। प्रदर्शकारियों में विश्वविद्यालय के छात्र, स्थानीय लोग तथा बच्चे शामिल हैं। उन्होंने पोस्टर, बैनर और तिरंगा लेकर छोटे छोटे जूलूस निकाले। इस दौरान आयोजकों ने प्रदर्शनकारियों को किसी के भी प्रति कोई नकारात्मक नारा नहीं लगाने के लिए आगाह किया। उनमें से कुछ लोगों ने सड़क के दोनों तरफ मानव श्रृंखला बनाई, ताकि यातायात प्रभावित न हो। कुछ प्रदर्शनकारियों ने सफेद टोपी पहनी थी, जिस पर लिखा था- ‘नो सीएए, नो एनआरसी।’
उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर में शुक्रवार दोपहर संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में फिर से प्रदर्शन हुए। इसी सप्ताह सीलमपुर में इस कानून के विरोध में आयोजित प्रदर्शन में हिंसा हुई थी। वेलकम इलाके में एक मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया और नारे लगाते हुए जाफराबाद से सीलमपुर तक मार्च निकालना शुरू किया। पुलिस ने सीलमपुर में निषेधाज्ञा लागू किया है जिसमें चार से अधिक लोगों के जमा होने पर पाबंदी है। इससे पहले दिन में पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के जवानों ने सीलमपुर और सुंदर नगरी में फ्लैग मार्च निकाला।