दालमंडी के बिल्डर से रंगदारी की मांग, दहशत में परिवार, कई है शक पैदा करने वाले सवाल

तारिक आज़मी

वाराणसी। दालमंडी क्षेत्र के एक विख्यात बिल्डर से 50 लाख की रंगदारी मांगे जाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने पीड़ित के तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत करके विवेचना शुरू कर दिया है। रंगदारी मांगने वाले ने खुद का नाम बाबा अबू खान बताया है और खुद का सिक्का दालमंडी में चलाने की बात कही है।

घटना एक सम्बन्ध में प्राप्त जानकारी के अनुसार दालमंडी के एक विख्यात बिल्डर को दिनांक 4 दिसंबर को फोन पर एक मैसेज प्राप्त हुआ। मैसेज भेजने वाले ने खुद का नाम बाबा अबू खान बताया है। मैसेज के माध्यम से बिल्डर से सुरक्षा के नाम पर 50 लाख रुपया रंगदारी की मांग किया गया है। मैसेज प्राप्त होने के बाद बिल्डर के परिवार में दहशत का माहोल कायम हो गया। बताया जाता है कि मैसेज भेजने वाले ने धमकी और रंगदारी का सन्देश एसएमएस के माध्यम से भेजा है। तीन हिस्सों में भेजे गए एसएमएस में बिल्डर के दो भाइयो का ज़िक्र है। जिसमे सबसे पहले एक भाई का ज़िक्र करते हुवे लिखा गया है कि तुम्हारा भाई मैरुम कलर की स्कूटी से घूम रहा था। दिन के साथ बताने वाले इस अज्ञात बाबा अबू खान ने बिल्डर के दुसरे भाई का भी ज़िक्र मैसेज में किया है।

रंगदारी के मैसेज में पैसो की डिमांड में नोटों की भी फरमाईश किया गया है। दस दिन बाद दुबारा मैसेज करने को कहा गया है। रंगदारी के इस सन्देश में सभी नोट 2 हज़ार के होने की शर्त रखी गई है और कहा गया है कि नोट एक सीरिज़ में न हो। यही नही मैसेज में लिखा है कि “जहा जाना हो जाओ, मुझे अपनी हुकूमत दालमंडी में कायम रखना है।”

कुछ बड़े सवाल पैदा कर रहा है रंगदारी का मैसेज

जिस बिल्डर को रंगदारी का मैसेज आया है उसके सम्बन्ध में सूत्र बताते है कि वह साफ़ सुथरे तरीके से काम करता है। मैसेज में पूर्व बाहुबली पार्षद का ज़िक्र है। जो शक का दायरा पैदा करता है कि रंगदारी मांगने वाला व्यक्ति कुछ तो चुक कर रहा है। कारण इसका ये है कि बिल्डर के अपने सम्बन्ध पूर्व बाहुबली पार्षद से सिर्फ क्षेत्र के एक पूर्व पार्षद की तरह है। यही नही बिल्डर के अपने सम्बन्ध और किसी प्रकार के बाहुबली से नहीं है न तो कारोबारी और न ही व्यक्तिगत। यदि कोई समस्या पड़े तो जानकार बताते है कि वह बिल्डर पूर्व बाहुबली पार्षद से मदद मांगने भी नही जाने वाला है। अब सवाल ये उठता है कि जो शख्स धमकी दे रहा है वह इतना जान रहा है कि बिल्डर का भाई किस कलर की गाडी से घूम रहा है तो उसको इतनी सी बात जानकारी में नहीं हो यह कैसे संभव है।

आखिर कौन है ये बाबा अबू खान

पुलिस सूत्रों और क्षेत्र के गोपनीय सूत्रों की माने तो बाबा अबू खान नाम का कोई भी व्यक्ति कभी इस इलाके में सक्रिय नहीं रहा है। बाबा अबू खान के सम्बन्ध में बनारस पुलिस भी नही जानती है और न ही कोई अपराधी इस नाम का है। तो फिर आखिर कौन सी हुकूमत कायम रखने की बात इस सन्देश में हुई है। कही न कही से सन्देश भेजने वाले ने अपना सही नाम नही लिखा है।

बहरहाल, मामले में विवेचना शुरू हो चुकी है। प्रकरण को लेकर बिल्डर और उसका परिवार दहशत में है। 4 दिसंबंर के आये इस रंगदारी के सन्देश की शिकायत ११ दिसंबर को दर्ज करवाना भी कही न कही से सवाल खड़ा कर रहा है। सन्देश में जिस प्रकार से भाषा शैली है और शब्दों को लिखा गया है उसमे कोई स्पेलिंग मिस्टेक तक न होना इस बात को ज़ाहिर करता है कि सन्देश भेजने वाला हिंगलिश (हिंदी के शब्दों को अंग्रेजी में लिखना) का जानकर है और पढ़ा लिखा भी हो सकता है।

पीड़ित बिल्डर से हमारी हुई बातचीत में इस बात का अहसास भी ज़ाहिर हुआ कि परिवार और बिल्डर डरे और सहमे हुवे है। बिल्डर ने प्रकरण में सभी क़ानूनी सलाह के बाद पुलिस की सहायता का कदम उठाया है। हमने समाचार में बिल्डर का नाम उजागर केवल उसकी सुरक्षा के मद्देनज़र नही किया है। प्रकरण पर स्थानीय थाना प्रभारी चौक डॉ आशुतोष तिवारी ने पैनी नज़र बना रखा है। इस सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। जाँच चल रही है। बहुत जल्द मामले का खुलासा हो जायेगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के शांति व्यवस्था के साथ नागरिको की सुरक्षा करना हमारा पहला कर्त्तव्य है और हम अपने कर्तव्यों का पूरी तरह निर्वाहन कर रहे है। प्रकरण को क्षेत्र में चर्चाओं का बाज़ार गर्म है। क्षेत्रीय नागरिको में जहा दहशत का माहोल है वही कारोबारियों में असुरक्षा के कारण असंतोष भी है।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *