अगर उपचुनाव में हुआ ऐसा तो गिर जायेगी कर्णाटक की भाजपा सरकार, भाजपा ने झोकी अपनी पूरी ताकत
तारिक जकी
बेंगलुरु. विधायकों के इस्तीफे से खाली हुईं कुल 17 सीटों पर चुनाव होना है। मगर दो सीटों का मामला कोर्ट में होने के कारण फिलहाल 15 सीटों पर ही पांच दिसंबर को उपचुनाव हो रहा है। उपचुनाव के नतीजे 9 दिसंबर को आएंगे। इस समय कर्नाटक में कुल 207 विधायक हैं। बहुमत के लिए जरूरी 104 से एक अधिक 105 विधायक भाजपा के पास हैं। अब 15 और विधायकों के चुनाव के बाद सदन की सदस्य संख्या 222 हो जाएगी। ऐसे में बहुमत के लिए भाजपा को 112 विधायक चाहिए। लिहाजा इस उपचुनाव में सात सीटें जीतने पर भाजपा की येदियुरप्पा सरकार को बहुमत हासिल हो जाएगा, लेकिन भाजपा कम से कम आठ सीटें जीतना चाहती है।
गौरतलब हो कि 224 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस और जनता दल (सेकुलर) के कुल 17 विधायकों के इस्तीफा देने से बीती जुलाई में कुमारस्वामी की गठबंधन सरकार गिर गई थी। वहीं इन विधायकों के इस्तीफे के कारण बहुमत के आंकड़े के कम होकर 104 पहुंच गया और उसके बाद भाजपा ने 105 विधायकों के साथ सरकार बनाई थी।
पार्टी ने कम से कम आठ सीटें जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। हालांकि भाजपा के नेता उपचुनाव में सभी 15 सीटों पर क्लीन स्वीप का दावा कर रहे हैं। भाजपा ने उपचुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। बीएस येदियुरप्पा मंत्रियों व संगठन पदाधिकारियों के साथ विधानसभा क्षेत्रों में दिन-रात कैंप कर रहे हैं। भाजपा महासचिव पी. मुरलीधर राव बतौर कर्नाटक प्रभारी उपचुनाव की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। कई दफा वह राज्य में भाजपा कोर कमेटी की बैठक लेकर पार्टी नेताओं को चुनाव प्रबंधन का पाठ पढ़ा चुके हैं।
पी. मुरलीधर राव ने कहा, ‘उपचुनाव में सिर्फ स्थिर सरकार ही एक मुद्दा है। जनता भाजपा को वोट देकर बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में स्थिर सरकार चाहती है, क्योंकि वह कांग्रेस-जेडी(एस) की सरकार का हश्र देख चुकी है। कांग्रेस राज्य को मध्यावधि चुनाव में झोंकना चाहती है, जिसे जनता भली-भांति जानती है।’ राव ने सभी 15 सीटें जीतने का दावा किया है।