पलिया के रैन बसेरे का नहीं खुला ताला, रात भर भटकते रहते हैं जरूरतमंद
फारुख हुसैन
पलिया कलां खीरी. पलिया तहसील क्षेत्र अंतर्गत प्रशासन द्वारा रैन बसेरे की व्यवस्था की गई है लेकिन स्थानीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते तहसील पलिया के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस के सामने बने रैन बसेरे का ताला अभी नहीं खुल पाया हैं जबकि तमाम आला अफसरों ने अपने घरों में हीटर इत्यादि का उपयोग सर्दी के बचाव के लिए करना शुरू कर दिया है।
भारत नेपाल सीमा पर बसी पलिया तहसील में रात के समय में तमाम गरीब व्यक्तियों को सर्द रातें काटने के लिए जगह नहीं मिल पाती थी इसके लिए प्रशासन द्वारा रैन बसेरा बनवाकर दिया गया। लेकिन स्थानीय प्रशासन के अधिकारी इसका ताला खोलने में आनाकानी करते हैं जिससे बाहर से आने वाले गरीब असहाय यात्री सड़क के किनारे सर्द राते काटने को मजबूर हैं।
आपको बता दें नेपाल के धनगढ़ी से दिल्ली, मथुरा, मुंबई, बेंगलुरु आदि शहरों को जाने के लिए नेपाली यात्री रोडवेज एवं प्राइवेट बसों से गौरीफंटा से पलिया आकर पलिया में बस बदलते हैं जिसके चलते उन्हें रात्रि विश्राम पलिया में ही करना पड़ता है यात्रियों में जो पैसे खर्च करने वाले लोग हैं वह होटल ले लेते हैं, लेकिन गरीब आदमी रैन बसेरों में रात्रि गुजार कर अपना बसेरा करता है। पलिया में रैन बसेरे का ताला ना खोलें जाने के कारण गरीब व्यक्तियों को सर्द रातों में आग जलाकर रात गुजारनी पड़ रही है इतना ही नहीं दिसंबर का पहला सप्ताह बीत जाने के बाद भी प्रशासन व सामाजिक संस्थाओं द्वारा पलिया तहसील में कहीं भी अलाव की व्यवस्था भी की गई है।