जर्जर भवन, खतरे में पुलिस कर्मियों की जान

प्रदीप दुबे विक्की

ज्ञानपुर, भदोही।मुख्यालय ज्ञांनपुर के पुरानी बाजार मार्ग पर स्थित पुलिस कोतवाली परिसर में पूर्वी छोर पर बना पुलिसकर्मियों का आवास बीते 3 वर्षों से निषप्रयोजय घोषित होने के बावजूद पुलिसकर्मी किसी न किसी दिन गुजारने को मजबूर हैं।वहीं दूसरी तरफ ईन्स्पेक्टर आवास और सम्पूर्ण पुलिस कार्यालय गुलजार है।

बता दें कि समाज में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पुलिस पर है। जान जोखिम में डाल कर दूसरों को सुरक्षा देने वाले इन पुलिस कर्मियों की जान खतरे में है। कड़ी ड्यूटी पूरी करने के बाद चैन की नींद लेने के लिए एक अदद नया भवन तक नसीब नहीं है। पुराने व जर्जर हो चुके भवनों में रहने के लिए वह मजबूर है। भवन के छत से प्लास्टर टूट कर गिरते है। दीवार व छत पूरी तरह से जर्जर हो गयी है। भवनों की हालत ऐसी है बरसात के समय छत से पानी टपकता है।वर्ष 2016 से निष्प्रयोज्य घोषित आवास कभी भी भरभराकर भवन गिर जाए उसके बावजूद भी जान हथेली पर रख कर पुलिस कर्मी ऐसे आवास में रहने के लिए मजबूर हैं।

अब तक कई सरकारें आई और गई लेकिन इनके आवास के बारे में किसी ने भी नहीं सोंचा यदि सोचा होता तो ऐसी स्थिति नहीं होती। पुराने हो चुके कोतवाली परिसर के ग्राउंड की भी हालत जर्जर हो चुकीं है। बरसात के समय में समूचे परिसर में भर जाने से कोतवाली में आना-जाना भी दुश्वार हो जाता है। पूर्व मे जनपद आए प्रमुख सचिव व यू०पी०के सीएम० ने इस जर्जर आवास के मरम्मत के लिये पुलिस के आला विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया गया था।लेकिन उंंनका यह आदेश ठंडे बस्ते में डाल दिया।मरम्मत की कौन कहे दीवारों की चूनेकारी और छतों की साफ- सफाई तक नहीं कराई जा सकी है।बताया गया है कि जिले के पुलिस अधीक्षक महोदय भी इस ओर तनिक भी ध्यान नहीं दे रहे है।

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