राजस्व विभाग की उदासीनता का सहारा, और करोडो का सरकार को चुना लगा कर खेती की ज़मीनों की हो रही प्लाटिंग

फारुख हुसैन

पलिय कलां खीरी. नगर काफी अर्से से सक्रिय सफेद पोश प्रापर्टी डीलर के कारोबारी खेती वाली जमीन को प्लाट में बदलकर सरकार के लाखों रुपयों के राजस्व का नुकसान कर रातों रात लखपति बन रहे हैं। सबसे अहम बात तो यह है कि तहसील प्रशासन और लेखपालों के ढुलमुल रवैया के कारण इस तरीके की गतिविधियां सामने आ रही हैं, जिसमें साफ दर्शाया गया है कि जिन क्षेत्रों में प्लाटिंग का काम किया जा रहा है वहा के लेखपाल और तहसील प्रशासन क्या कर रहा है।

आखिर क्यों नहीं कार्रवाई ऐसे लोगों पर हो रही है जिसकी शिकायतें क्षेत्रों से लगातार आ रही है. इस मामले की जांच कराई जाये तो लाखों रुपये की जमीन का घोटाला सामने आ सकता है। और सफेदपोशों के चेहरे भी बेनकाब हो जायेगें. कुछ सालों पूर्व नगर में गिने चुने लोग ही प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने का कारोबार कर रहे थे। लेकिन बिना लागत लगाए मुनाफा कमाने की लालच को दिल मे सजोंकर अब तमाम लोग प्रापर्टी डीलिंग का कारोबार करने लगे है।

इसमे लखनऊ के एक बड़े कारोबारी समेत सत्तादल के भी कई नेता भी शामिल हो गए है यह लोग पर्दे के पीछे से धनलाभ का कारोबार कर रहे हैं। और सरकार को लाखों रुपये के राजस्व की हानि लहुँचा रहे है। जानकर सूत्रों ने बताया कि प्रापर्टी डीलिंग के कारोबार करने वाले लोगों ने खेती वाली जमीन का उपभोग परिवर्तन कराये बिना उसकी प्लाटिंग करके ऊँचे दामों पर बेचकर सरकार को लाखों रुपये के राजस्व को चूना लगा रहे हैं। सरकारी सूत्रों का कहना है कि नियमानुसार खेती वाली जमीन का उपभोग बदलना चाहिए उसके बाद ही उसकी प्लॉटिंग की जा सकती है। जबकि यहां सक्रिय प्रापर्टी डीलर तहसील प्रशासन और नियम कानून को ठेंगा दिखा कर खेती वाली जमीन को एकड़ों में खरीदकर कम रेट का स्टाम्प शुल्क करते है और बाद में इसी जमीन को टुकड़े-टुकड़े प्लाट में बदलकर बेचते हैं। जो कि यह नियम व कानून के खिलाफ है।

सूत्रों ने बताया कि नियमानुसार पहले जमीन का उपभोग बदलना चाहिए। उपभोग परिवर्तन के बाद ही खेती वाली जमीन की प्लाटिंग हो सकती है। जबकि यहां पर सब उल्टा चल रहा है। नियम बिपरीत खेती वाली जमींन को प्लाटिंग करके खुलेआम बेच कर प्रापर्टी डीलर लाखों रुपये कम रहे हैं सूत्रों का कहना है कि इस अवैध कारोबार में लखनऊ के बड़े कारोबारी तथा सत्तादल के कई सफेदपोश नेता भी शामिल है। जो खेती वाली जमीमन को कौड़ियों के भाव पर खरीद कर उसकी प्लाटिंग करके लाखों रुपये रातों रात कमा रहे हैं और सरकार को खुलेआम राजस्व को नुकसान पहुचा रहे हैं। नागरिकों का मानना है कि पलिया के चारों तरफ हो रही प्लाटिंग की अगर बड़े पैमाने पर जांच कराई जाए तो लाखों रुपये के स्टाम्प चोरी का खुलासा होगा ही साथ में सफेदपोश नेताओं के चेहरे भी बेनकाब हो जयेंगे।

कुछ साल पूर्व नगर में गिने चुने लोग ही प्रॉपर्टी खरीदने बेचने का यह कारोबार कर रहे थे। लेकिन बिना लागत लगाए मुनाफा कमाने की ललक मे अब तस्कर और गैंगस्टर जैसे अपराधिक लोग भी यह काम में जोर-शोर से लगे हुए हैं।

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