CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में मैंगलूर के दो और लखनऊ के एक प्रदर्शनकारी की मौत, जाने देश में कहा कहा हुवे विरोध प्रदर्शन

आफताब फारुकी

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में देश भर में प्रदर्शनों का दौर जारी है। उत्तर भारत में इस मुद्दे पर विरोध का स्वर थोडा अलग है मगर विरोध है। वही अन्य हिस्सों में विरोध का स्वर अलग है और विरोध जारी है। विरोध प्रदर्शन हिंसक रूप लेते जा रहे है। असम में अभी तक कुल तीन लोगो के मौत का समाचार सामने आ रहा है। वही आज मंगलूर से भी प्रदर्शनकारी के सम्बन्ध में बड़ी खबर आ रही है, जहां विरोध प्रदर्शन के दौरान गंभीर रूप से घायल दो लोगों की मौत हो गई है। बताया जाता है कि दोनों लोगों को आईसीयू में भर्ती कराया गया था। मंगलुरु के पुलिस कमिश्नर का कहना है कि 20 पुलिसवाले भी घायल हुए हैं। राज्य के गृह मंत्री का दावा है कि इस हिंसा के पीछे बड़ी साज़िश है। इस बीच पूरे मंगलुरु में कर्फ्यू लगा दिया गया है और इंटरनेट बंद कर दिया गया है।

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक प्रदर्शनकारी की मौत

वही दूसरी तरफ आज हुई हिंसक प्रदर्शनों में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुई प्रदर्शन के दौरान कथित रूप से ‘पुलिस की गोली से घायल’ हुए एक शख्स की मौत हो गई। वकील नाम के जिस शख्स की मौत हुई है वह पुराने लखनऊ के हुसैनगंज के रहने वाले थे। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सेंटर ने यह जानकारी दी है कि हिंसा के बाद चार लोगों को भर्ती कराया गया था, जिनमें से तीन कथित तौर पर गोली लगने से घायल थे। इसमें से एक शख़्स की मौत हो गई है।

हालांकि पुलिस ने अब तक इसकी पुष्टि नहीं की है। लखनऊ के परिवर्तन चौक पर सपा और लेफ्ट के विरोध प्रदर्शन के दौरान जम कर हंगामा हुआ। मीडिया की तीन ओबी वैन और कई दूसरी गाड़ियां जला दी गईं। पुराने लखनऊ के खदरा में, एक पुलिस चौकी में तोड़फोड़ हुई और यहां भी गाड़ियां जलाई गईं। ठाकुरगंज में भी यही सब होता रहा। एक पुलिस चौकी में आगज़नी और कुछ गाड़ियां जलाई गईं।

दिल्ली में देश भर के प्रदर्शनकारियों का हुआ जमावड़ा

दूसरी तरफ दिल्ली में भी लाल क़िले से लेकर आइटीओ तक और मंडी हाउस से लेकर जंतर-मंतर तक प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश भी होती रही और उनके जत्थे भी निकलते रहे। सुबह 11 बजे लाल किले के मैदान में पुलिस ने योगेंद्र यादव को हिरासत में ले लिया। उनके साथ सैकड़ों और लोग हिरासत में लिये गए। वहां करीब 20 गाड़ियां प्रदर्शनकारियों को लेकर निकलीं। आइटीओ में प्रशांत भूषण और हर्षमंदर को रोका गया। मंडी हाउस में प्रकाश करात और सीताराम येचुरी रोके गए। इन सबके बावजूद जंतर-मंतर पर हजारों लोग जुटे।

शांतिपूर्वक हुआ मुंबई में विरोध प्रदर्शन

मुंबई में भी तमाम वर्गों के लोग विरोध में उतरे। पूरा अगस्त क्रांति मैदान भरा दिखा। लोग तरह-तरह के झंडों के साथ नज़र आए। जहां तक नज़र जाती थी, वहां लोग ही लोग। इस हुजूम में फिल्मी सितारे भी नज़र आए। यहां भी मुंबई पुलिस की जय-जय के नारे लग गए। विरोध की तरह-तरह की तस्वीरें पूरे देश से आती रहीं। तमाम शहरों में लोग कहीं जुलूस निकालते दिखे, कहीं नारे लगाते, कहीं धरना देते और कहीं बैठे हुए लोग नज़र आए। सबसे दिलचस्प प्रदर्शन बेंगलुरु के आइआइएम में हुआ है जहा छात्रों को जब प्रदर्शन के लिए निकलने की इजाज़त नहीं दी गई तब लड़कों ने अपने जूते गेट के बाहर रखकर विरोध जताया।

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