बेरोजगार स्नातक अधिकार सम्मेलन में उठी रोज़गार की समस्या पर आवाज़

ए जावेद

पटना. शनिवार को बिहार की राजधानी पटना स्थित श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में बेरोजगार स्नातक अधिकार सम्मेलन आयोजित किया गया। यह आयोजन स्नातक अधिकार बोर्ड के आह्वान से किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व पुलिस महानिदेशक अभ्यानंद इवम विशिष्ट अतिथि डॉ सुनील कुमार थें।

आयोजक एवम बोर्ड के संयोजक विश्वजीत सिंह ने, स्नातकों से भरे हॉल को संबोधित करते हुए शिक्षित बेरोज़गारी का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार को इस तरफ़ उदासीन रवैया रखने के लिए घेरा साथ ही विश्वविध्यालयों में ख़ाली पड़े शिक्षक के पदों, विभागों में जूनियर ईंजीनीयर में रिक्तियों का मामला तथा पुलिस बहाली में हो रही विलम्ब के लिए सरकार से सवाल दागे।

उन्होंने स्नातक पास युवकों के लिए अवसर की कमी, इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग का सही ढाँचा ना होना और राज्य सरकार की नौकरियों में लगातार कमी होने की बात कही। आगे उन्होंने कहा की नौकरी मिलने के दौरान अगर आर्थिक सहायता मिले तब ज़रूर ही उनको थोड़ा बल और साहस मिलेगा जैसा कि मध्य प्रदेश और पंजाब में लागू किया गया है। मौजूद शिक्षक रमांशु मिश्रा ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा की भारत में एक सबसे बड़ी समस्या बेरोज़गारी है।

एक छात्र अपने जीवन के 25 साल पढ़ाई करने में लगाने के बाद भी संशय में रहते है कब नौकरी के लिए फ़ार्म निकलेगा फिर कब परीक्षा होगी। उन्होंने ने तंज़ करते हुए कहा कि चुनाव का परिणाम तो 3-4 दिन में आ जाता है पर युवाओं के भविष्य का परिणाम 4-5 सालों में भी नही आ पाता। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन  देने के साथ ही स्नातक अधिकार बोर्ड के सचिव संदीप सिंह ने सरकार से दो टूक में माँग रखते हुए कहा “रोज़गार दो या नौकरी मिलने तक भत्ता दो”।

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