12वे दिन भी जारी रहा कानपुर के चमनगंज स्थित मुहम्मद अली पार्क में CAA-NRC का विरोध प्रदर्शन, लगातार धरने पर बैठी है महिलाये

आदिल अहमद

कानपुर. CAA और NRC के विरोध में दिल्ली के केवल शाहीन बाग़ में ही विरोध प्रदर्शन नही जारी है। बल्कि देश के मुख्तलिफ शहरों में भी इस प्रकार का प्रदर्शन हो रहा है। यदि यादो के समंदर को खंगाले तो 2013 के अन्ना आन्दोलन के तर्ज पर काफी शहरों में इस प्रकार का विरोध प्रदर्शन जारी है। अन्ना आन्दोलन यानी आईएसी के प्रदर्शन और इस प्रदर्शन में केवल एक बात मुख्तलिफ है वह है इसका नेतृत्व। अन्ना आन्दोलन के दौरान उसका नेतृत्व था। हर शहर में आन्दोलन का नेतृत्व लोगो को सौपा गया था। मीडिया फुटेज भी जमकर मिल रही थी। मुख्य नेतृत्व दिल्ली के जंतर मंतर पर था जहा अन्ना के साथ केजरीवाल, मनीष शिशोदिया जैसो का साथ था।

इस बार तस्वीर लगभग वैसी ही उभर रही है। मगर कुछ फर्क है। सबसे बड़ा फर्क इस बार मीडिया का फुटेज नही मिलना है। दूसरा फर्क है इन प्रदर्शनों में नेतृत्व किसी का नही है। अगर आप सही मायनों में देखे तो यह एकल प्रदर्शन की तरह है जिसमे हर प्रदर्शनकारी नेतृत्वकर्ता है। किसी ने इन विरोध प्रदर्शनों को आयोजित नही किया है बल्कि महिलाए खुद आकर धरने पर बैठी है। भले वह दिल्ली का शाहीन बाग़ हो या फिर प्रयागराज का रोशनबाग़।

इस सबके बीच आज कानपुर के चमनगंज क्षेत्र स्थित मुहम्मद अली पार्क में विरोध प्रदर्शन का 12वा दिन गुज़र गया। सख्त हाड कपा देने वाली सर्दी, पुलिस की सख्त व्यवस्था, कभी भी गिरफ्तारी का खौफ इन महिलाओं को पार्क से नही हटा पा रहा है। लगभग दो से तीन हज़ार सभी धर्म और सम्प्रदाय की महिलाए इस प्रदर्शन का हिस्सा है। इनके लिए चाय नाश्ते और आवश्यकता पड़ने पर खाने की व्यवस्था यहाँ के आम नागरिक कर दे रहे है। जन प्रतिनिधि भी आ रहे है समर्थन में तो उनको भाषण के लिए बहुत थोडा सा वक्त दिया जा रहा है। इस दौरान इस कानून के खिलाफ महिलाओं की नारेबाजी से दिन भर इलाके में आवाज़े आती रहती है।

आज शनिवार को इस 12वे दिन के प्रदर्शन में भीम आर्मी की महिलाओं ने भी शिरकत किया। प्रदर्शन में लगभग दो दर्जन से अधिक भीम आर्मी की महिला सदस्य भी आज धरना स्थल पर दिन भर धरनारत रही। भीम आर्मी की महिलाओं द्वारा इस धरने का समर्थन होने के बाद से प्रशासन के स्तर पर भी थोड़ी हलचल दिखाई दी। अनुमान लगाया जा रहा है कि कल से भीम आर्मी की अन्य महिला सदस्य भी इस अनवरत चल रहे प्रदर्शन का हिस्सा होंगी।

बहरहाल, भले ही इस विरोध प्रदर्शन पर मीडिया तवज्जो नही दे रहा है। मगर महिलाओं का जज्बा अभी भी कायम है। सख्त सर्द राते भी इनके जज्बे को नही तोड़ पा रही है। बैठने के लिए दरी से लेकर ओढ़ने के लिए कम्बल तक यहाँ महिलाए खुद ही लेकर आई है। हमने धरने पर बैठी महिलाओं से इस सम्बन्ध में बात किया। उनकी बातो में मीडिया एक खिलाफ भी आक्रोश दिखा। वही महिलाओं के सामने स्थानीय मीडिया के जाने पर महिलाये उनको पूरा सम्मान देते हुवे अपनी बात रख रही है। एक प्रदर्शनकारी महिला ने हमसे बात करते हुवे केद्र सरकार को संवाद हेतु तक आमंत्रित किया।

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