कुष्ठ रोग नहीं है लाइलाज – डीएम
संजय ठाकुर
मऊ/ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत संचालित राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत समुदाय को कुष्ठ रोग से छुटकारा दिलाने के लिए प्रत्येक वर्ष 30 जनवरी को कुष्ठ रोग निवारण दिवस मनाया जाता है। इसके साथ ही कुष्ठ रोग के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए 30 जनवरी से 13 फरवरी 2020 तक स्पर्श कुष्ठ जागरूकता पखवाड़ा चलाया जाएगा। इस वर्ष अभियान की थीम ‘कुष्ठ के विरूद्ध, आखिरी युद्ध’ निर्धारित की गयी है।
जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने कहा- इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों में कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता फैलाना है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा कुष्ठ रोगियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए किए गए प्रयासों की वजह से हर वर्ष 30 जनवरी को उनकी पुण्यतिथि पर कुष्ठ रोग निवारण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसके साथ ही 13 फरवरी तक चलने वाले पखवारे के दौरान जनमानस को यह बताया जाए कि कुष्ठ रोग लाइलाज नहीं है और कुष्ठ रोग का पूर्णतः उपचार सम्भव है। कुष्ठ रोगियों को स्पर्श करने से कुष्ठ रोग नहीं होता है। कुष्ठ रोगियों से भेदभाव न करें, उनके साथ समान व्यवहार और बर्ताव करें आदि के बारे में आशा, एएनएम और आनंगबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा सभी को जानकारी दी जाए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतीश चन्द्र सिंह ने बताया कि इस दिवस पर सभी स्कूलों, ग्राम सभाओं, नगरीय व ब्लाकों में ग्राम प्रधानों की मौजूदगी में डीएम का शपथ पत्र पढ़कर कुष्ठ जागरूकता अभियान संबंधी जानकारी दी जाएगी। वहीं पखवाड़े के दौरान लोगों को कुष्ठ रोग के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसके लिए आशा, एएनएम व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा प्रचार-प्रसार सामाग्री वितरित कर जागरूक किया जाएगा। प्रचार-प्रसार सामाग्री में कुष्ठ रोग के लक्ष्ण तथा जांच व इलाज के बारे में पूरी जानकारी रहेगी। इसके साथ ही कुष्ठ रोग विभाग की टीम घर-घर जाकर लोगों में लक्षण नजर आने पर जांच करेगी।
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ एचएस राय ने बताया कि इस रोग के संक्रमण का कारण रोगाणु या बैक्टीरिया जिसे माईकोबैक्टीरियम लेप्री कहा जाता है, संक्रमण का कारण बनता है। यह संक्रमण रोगी की त्वचा को प्रभावित करता है तथा रोगी की तंत्रिकाओं को क्षति पहुंचाता है। यह रोग आँख और नाक में समस्याएं पैदा कर सकता है। कुष्ठ रोग से डरे नहीं, कुष्ठ रोगियों के साथ सामान्य रोगियों की तरह व्यव्हार करें। वहीं कुष्ठ रोगी के साथ उठना, बैठना, खाना-पीना एवं सहज व्यवहार करें। कुष्ठ रोग का उपचार संभव है लेकिन इलाज में देरी होने से विकलांगता हो सकती है।
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी ने बताया कि अभियान को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है। अभियान के दौरान यदि किसी भी व्यक्ति के अन्दर कुष्ठ रोग के लक्षण पाए जाते हैं तो उनका नाम रजिस्टर में दर्ज करके निःशुल्क जांच के लिए सरकारी अस्पताल भेजा जाएगा। जांच के बाद अगर कुष्ठ रोग सामने आता है तो उसको कुष्ठ की निःशुल्क दवाएं तब तक दी जाएंगी, जब तक उसका कुष्ठ रोग पूरी तरह से ठीक न हो जाए। इलाज के दौरान कुष्ठ रोगियों को जरुरी किट भी उपलब्ध करायी जाती है |
जिला कुष्ठ रोग परामर्शदाता कृष्णा यादव ने बताया कि जनपद में पिछले वर्ष 199 कुष्ठ रोगियों की पहचान की गई और उनका निःशुल्क इलाज़ जिला अस्पताल व सामुदायिक व् प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के माध्यमों से किया जा रहा है। इस पखवाड़ा के लिए 1,591 शहर व ग्राम सभाओ में माइक्रोप्लान बनाकर हर ग्राम सभा में एक आशा और शहर में आंगनबाड़ी के माध्यम से चलाया जायेगा। उन पर कार्य निगरानी के लिये एक नान मेडिकल सुपरवाइजर तैनात किया जाएगा