युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद जी की धूमधाम से मनाई गई जयंती
बापू नंदन मिश्र
रतनपुरा (मऊ). स्वामी विवेकानंद का व्यक्तित्व और कृतित्व सूर्य के समान दैदीप्यमान है और संपूर्ण विश्व में वह अविरल मानवता का ध्वजवाहक बनकर सबका मार्गदर्शन कर रहा है एक कहना है राष्ट्रीय जन जागरण परिषद के अध्यक्ष अरुण भारतवंशी के जो रविवार को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्तंभ पर स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे स्वामी विवेकानंद के विश्व कल्याण के विचारों को आत्मसात करते हुए एक ऐसे भारत के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करें, जो विश्व बंधुत्व की भावना से ओतप्रोत हो।
स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि जब जब धरा विकल होती मुसीबत का समय आता किसी भी रूप में कोई महामानव चलता हैं। स्वामी विवेकानंद ने शिकागो सम्मेलन में ऐतिहासिक भाषण देकर जो मां भारती के गौरव की यश पताका संपूर्ण विश्व में फहरायी वह इतिहास का एक गौरवशाली पृष्ठ है ,जिसे आगे आने वाली पीढ़ियां श्रद्धा और आदर के साथ नमन करती रहेंगी। स्वामी विवेकानंद ने भारतीय संस्कृति सभ्यता एवं अस्मिता जुड़कर जो ऊर्जावान विचार दिए हैं वह आज भी उतना ही प्रासंगिक हैं जितने कि उस समय थे। आज आवश्यकता इस बात की है कि वर्तमान परिवेश एवं परिदृश्य में जिस प्रकार की विसंगतियां एवं अराजकता देश में और खासकर युवा वर्ग में दिखाई दे रही हैं इसका निवारण विवेकानंद की विचारधारा से ही किया जा सकता है। वह प्रकाश पुंज की तरह आलोकित स्वामी विवेकानंद की ऊर्जावान विचारधारा को जन जन तक पहुंचा कर एक गौरवशाली और समृद्ध भारत के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करें।
आवश्यकता है कि विवेकानंद के विचारों को जन जन तक पहुंचा कर एक नए और समृद्ध भारत कें निर्माण के तरफ कदम बढ़ाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिवेश में जो भी विसंगतियां दिखाई दे रही हैं उनका निवारण विवेकानंद के बताए रास्ते पर चलकर ही किया जा सकता है, इस अवसर पर प्रवीण कुमार दीक्षित, विनीत तिवारी अखिलेश चौहान, नीरज गुप्ता, सागर शुक्ला रामजन्म चौहान, सम्भव पाण्डेय, बिनय पाण्डेय, उमेश राजभर पंकज गुप्ता, नीतीश गोड़ कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार एवं राष्ट्रीय जन जागरण परिषद के संस्थापक सुरेश कुमार श्रीवास्तवएवं संचालन अनिल कुमार वर्मा ने किया।