बदमाशों के हौसले बुलंद लोनी अधिशासी अधिकारी के कैंप कार्यालय पर की तोड़फोड़ व सहयोगी को किया घायल पुलिस जांच में जुटी
सरताज खान
गाजियाबाद लोनी। नगर पालिका अधिशासी अधिकारी के बलराम नगर स्थित कैंप कार्यालय पर पांच बदमाशों ने हमला बोलकर उनके सहयोगी को लात घूसे से पीटा। जबकि कंप्यूटर आदि तोड़ने के बाद उनका मोबाइल लूटा और जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गए। पुलिस हमलावरों की सुरागकशी का प्रयास कर रही है।
लोनी नगर पालिका अधिशासी अधिकारी शालिनी गुप्ता का लोनी बॉर्डर थाने की बलराम नगर कालोनी में कैंप कार्यालय है।गुरुवार शाम करीब 6:30 बजे कार्यालय में उनका सहयोगी महेंद्र कुमार गुप्ता उर्फ शालू तथा कंप्यूटर ऑपरेटर विजय एवं खाना बनाने वाला सूरज मोजूद था। महेंद्र गुप्ता व विजय कंप्यूटर पर काम कर रहे थे जबकि सूरज रसोई में खाना बनाने की तैयारी कर रहा था। महेंद्र ने बताया कि पांच बदमाश दीवार फांदकर कार्यालय परिसर में घुस आए और कार्यालय का दरवाजा खटखटाया।सूरज ने दरवाजा खोला तो पांचों बदमाश जबरन अंदर घुस आए और उन्हें लात घूसों से पीटकर अधमरा कर दिया। जबकि कार्यालय में तोड़फोड़ करने के बाद उनका मोबाइल लूट लिया तथा जान से मारने की धमकी देकर मौके से फरार हो गए। बदमाशों के भागने के बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पीड़ित की तहरीर पर एक नामजद व 4-5 अज्ञात बदमाशों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर लोनी बॉर्डर पुलिस बदमाशो की तलाश में जुट गई है।
सरकारी कार्यालय पर हमले के बाद इलाके में दहशत
लोनी बॉर्डर थाने की बलराम नगर कालोनी क्षेत्र की सबसे पॉश कालोनी मानी जाती है। कालोनी में पानी की टंकी के साथ ही नगर पालिका ईओ का कैंप कार्यालय है सरकारी कार्यालय पर बदमाशों के हमले के बाद कालोनी वासी दहशत में है कॉलोनी वासियों का कहना है कि जब ईओ कार्यालय ही सुरक्षित नहीं तो बदमाश किसी के घर पर भी हमला कर सकते हैं। प्रदेश की भाजपा सरकार में पीसीएस अधिकारी शालिनी गुप्ता के कैंप कार्यालय पर पहले भी एक बार हमला हो चुका है और रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी पुलिस किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। जबकि शालिनी गुप्ता के साथ बदमाश लूट भी कर चुके हैं।इस बार उनके साथ तीसरी वारदात है ।एक और प्रदेश सरकार जहां अपराध मुक्त समाज की बात कर रही है वहीं सरकार की 1 पीसीएस महिला अधिकारी पर बार बार हमले हो रहे है और अपराधी आज तक पुलिस गिरफ्त से बाहर है। आखिर क्या कारण है कि पुलिस अपने ही अधिकारी के हमलावरों को भी गिरफ्तार नहीं कर सकी है।