इराक़ – बड़ी साज़िश का पर्दाफाश, नजफ व कर्बला को भी दहलाने की नकाम हुई कोशिश
नीलोफर बानो
इराक़ में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बहुत बड़े हमले की साज़िश को नाकाम बना दिया गया है। इराक़ की खुफिया एजेन्सी ने बताया है कि उन्होंने एक बहुत बड़ी साज़िश को नाकाम बना दिया है जिसके दौरान इराक़ के प्रदर्शन कारियों और सुरक्षा बलों को पूरे देश में निशाना बनाने क तैयारी थी।
इराक़ की सुरक्षा संस्था ” अस्सुक़ूर” के प्रमुख अबू अली अलबसरी ने बताया है कि इराक़ में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों पर बड़ा आंतकवादी हमला होने वाला था जिसे नाकाम बना दिया गया। उन्होंने इराक़ के अस्सबाह समाचार पत्र के साथ एक वार्ता में बताया कि आतंकवादी, प्रदर्शन करने वाले लोगों और सुरक्षा बलों को बम धमाके से निशाना बनाने का इरादा रखते थे।
यह हमले बगदाद और इराक़ के कई अन्य क्षेत्रों में किये जाने वाले थे जिनमें कर्बला और नजफ भी शामिल थे। उनके अनुसार इस साज़िश का मक़सद पूरे इराक़ में अशांति फैलाना और हंगामा करना था ताकि बड़े पैमाने पर खून खराबा हो और इराक़ की अर्थ व्यवस्था बैठ जाए। उन्होंने बताया कि इस साज़िश के पीछे आतंकवादी संगठन दाइश के एक कमांडर का हाथ था जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है। कहा जाता है कि इस साज़िश की तैयारी में इराक़ के कुछ क़बाइली सरदारों से सऊदी अरब और यूएई की खुफिया एजेन्सी के अधिकारियों ने संपर्क किया था।
इराक़ी सांसद, हसन सालिम ने पिछले हफ्ते ही अमरीकियों को संबोधित करते हुए कहा था कि तुम्हारे एजेन्टों के हाथों प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग और तुम्हारी विनाशकारी कार्यवाहियां, इराक़ी जनता के सामने खुल कर आ चुकी हैं जिसका हालिया उदाहरण अस्सलाम ब्रिगेड के कमांडरों की हत्या है।
उन्होंने अमरीकियों से कहा कि तुम लोग इराक़ी प्रदर्शनकारियों की हत्या करवाते हो, अशांति फैलाते हो फिर उनके लिए मगरमच्छ के आंसू बहाते हो? हमारे देश से भाग जाओ! हम बड़े शैतान से नफरत करते हैं। इराक़ी संसद में अमरीकी सैनिकों को देश से निकाले जाने के क़ानून को पास होने के बाद अमरीका का कहना है कि इराक़ में शांति व स्थिरता के लिए उसकी उपस्थिति ज़रूरी है। अमरीका किसी न किसी तरह से इराक़ में अपनी उपस्थिति आवश्यक साबित करने के प्रयास में व्यस्त है।