दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दिया अनुमति, कन्हैया कुमार पर चलेगा देशद्रोह का मुकदमा
आफताब फारुकी
नई दिल्ली: जेएनयु के एक्स स्टूडेंट यूनियन प्रेसिडेंट और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार की मुश्किलें बढ़ने वाली है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने पुलिस द्वारा देशद्रोह में दाखिल चार्जशीट पर अपनी अनुमति दे दिया है। गौरतलब हो कि फरवरी 2016 में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कथित रूप से देश विरोधी नारे लगाने का मामला सामने आया था।
इस मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य समेत 10 लोगों के ख़िलाफ़ दिल्ली पुलिस ने देशद्रोह के आरोप में चार्जशीट दायर की है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जनवरी 2019 में चार्जशीट दाखिल की थी। मगर चार्जशीट अदालत से वापस आई थी क्योकि नियमो के अनुसार चार्जशीट पर राज्य सरकार की अनुमति नहीं थी। इसके बाद से ही राज्य सरकार इस मामले में लगातार खामोश ही रही थी।
इसके लिए दिल्ली सरकार ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को कन्हैया कुमार सहित सभी आरोपियों पर देशद्रोह के मामले में अपनी स्वीकृति दे दी है। इस मामले की फाइल काफी वक्त से दिल्ली सरकार के पास लटकी थी। दिल्ली सरकार ने देश विरोधी नारे लगाने के मामले में कन्हैया के खिलाफ देशद्रोह की धाराओं में मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी दे दी है।
इस मामले में पिछले साल जनवरी से फाइल लटकी थी। बीजेपी ने इसे चुनाव में मुद्दा भी बनाया था। दिल्ली सरकार ने मुकदमा चलाने के लिए स्पेशल सेल को मंजूरी दे दी है। कन्हैया कुमार समेत बाकी सभी आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह की धाराओं में मुकदमा चलाने की स्वीकृति के बाद कन्हैया के अलावा उमर खालिद, अनिर्बान, आकिब हुसैन, मुजीब, उमर गुल, बशरत अली और खालिद बसीर के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाएगा।
दिल्ली सरकार की ओर से फाइल दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को मिल चुकी है। यह फाइल जल्द ही कोर्ट को सौंप दी जाएगी। जेएनयू देशद्रोह के मामले को लेकर दिल्ली पुलिस ने दस दिन पहले 19 फरवरी को दिल्ली सरकार को पत्र लिखा था। पुलिस ने दिल्ली सरकार से इस मामले में तेजी लाने के लिए कहा था।
इससे पहले दिल्ली सरकार के मुख्यालय दिल्ली सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पूछा गया था कि दिल्ली का पटियाला हाउस कोर्ट दिल्ली सरकार से जेएनयू देशद्रोह मामले में फैसला लेने के लिए कह रही है, इस पर आपका क्या पक्ष है? इस पर अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि ‘जो भी संबंधित विभाग है उसमें मेरी कोई दखलंदाजी नहीं है। मैं पता करता हूं। उनके निर्णय को मैं नहीं बदल सकता लेकिन इतना उनको जरूर कहूंगा कि वह जल्द से जल्द इस पर निर्णय करें।’