मैक्रोन ने ख़लीफ़ा हफ़्तर को फ़्रांस बुलाया, लीबियाई प्रधान मंत्री ने बर्लिन सहमति का सम्मान होने की मांग की

आफताब फारुकी

फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने ऐसी हालत में लीबिया में विद्रोहियों के कमान्डर को आधिकारिकि रूप से फ़्रांस बुलाया है कि लीबिया के विद्रोही मिलिशिया महीनों से इस उत्तरी अफ़्रीक़ी देश में शांति प्रक्रिया को नुक़सान पहुंचा रहे हैं।

विद्रोहियों के कमान्डर ख़लीफ़ा हफ़्तर की बुधवार को पूर्वी लीबिया के शहर बिनग़ाज़ी में फ़्रांसीसी अधिकारी क्रिस्टोफ़ फ़ार्नो से भेंटवार्ता हुयी, जिसमें उन्होंने मैक्रोन का निमंत्रण विद्रोही कमान्डर ख़लीफ़ा हफ़्तर के हवाले किया। क्रिस्टोफ़ फ़ारनो फ़्रांस के विदेश मंत्रालय में उत्तरी अफ़्रीक़ी व पश्चिम एशिया विभाग के निदेशक हैं। फ़्रांसीसी राष्ट्रपति का यह निमंत्रण जिस दिन सामने आया, उसी दिन त्रिपोली स्थित लीबियाई सरकार के प्रधान मंत्री फ़ायज़ अस्सिराज ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह इस बात को सुनिश्चित बनाए कि पिछले महीने बर्लिन में लीबिया में शांति के लिए सम्मेलन के दौरान जो समझौता हुआ, उसका सम्मान हो।


19 जनवरी को बर्लिन में संयुक्त राष्ट्र संघ के समर्थन से लीबिया में संघर्षरत पक्षों के बीच स्थायी संघर्ष विराम के लिए एक शिखर बैठक हुयी, जिसमें तुर्की, रूस, मिस्र, फ़्रांस, इटली, ब्रिटेन और अमरीका तथा फ़ायज़ अस्सिराज और ख़लीफ़ा हफ़्तर शामिल हुए। एक दिन तक चले इस शिखर सम्मेलन की आधिकारिक विज्ञप्ति में सभी संबंधित पक्षों से लीबिया में दुश्मनी को रोकने और शांति व स्थायी संघर्ष विराम के लिए दोहरी कोशिश करने पर बल दिया गया।

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