मंसूर अली पार्क की प्रदर्शनकारी महिलाओ ने कहा – उपहास उपेक्षा तिरिस्कार और दबाव से हम गुज़र चूके, अब सम्मान का दौर आने वाला है
- मंसूर अली पार्क मे चल रहे आन्दोलन की शुरुआत प्रतिदिन जन मन गण के गायन के साथ होती है.
- फिर लगता है हिन्दुस्तान ज़िन्दाबाद का नारा.
- दिन भर लोग आज़ादी के तरानों के साथ देश की आज़ादी में बलिदान हुए लोगों का करते हैं ज़िक्र.
तारिक खान
प्रयागराज. गाँधी जी के पाँच मूलमंत्र पर यह आन्दोलन आगे बढ़ रहा है। चार दौर से हम गुज़र चूके हैं पाँचवें दौर मे हमे सम्मान अवश्य मिलेगा। मंसूर अली पार्क में एनपीआर एनआरसी और सीएए के खिलाफ गत १२ जनवरी से शुरु हुआ महिलाओं का आन्दोलन लगातार तेईसवें दिन भी जारी रहा।
दिल्ली के सामाजिक कार्यकर्ता,वैज्ञानिक,शायर गौहर रज़ा ने आनदोलनरत महिलाओं व नौजवानों को सम्बोधित करते हुए धैर्य एवं शांतिपूर्वक गाँधी जी के पाँच मंत्र उपहास, उपेक्षा, तिरिस्कार, दमन को बर्दाश्त करते हुए सम्मान से आगे बढ़ने की बात कही। कहा गाँधी जी की वाणी थी के अगर सम्मान तक पहोँचना है तो उपहास और उपेक्षा को नज़र अन्दाज़ करो तिरिस्कार और दबाव के चंगुल से निकलो तो सम्मान तुमहारे क़दम चूमेगा।
जब से शाहीन बाग़ का आन्दोलन शुरु हुआ तब से यही हो रहा पहले उपहास उड़ाया गया की यह बिल तो संसद से पास हो गया अब क्या करोगे। उसके बाद उपेक्षा की बारी आई। कहा गया उन्की परवाह न करो हमारे पास धनबल,जनबल की शक्ति है। फिर तिरिस्कार किया गया की यह सब बाग़ी हैं, गालियाँ दी गईं। लेकिन हमे विचलित होने की ज़रुरत नहीं। फिर आई दबाव बनाने के बारी।
हमारे आन्दोलन को क्रश करने के लिए गन, पावर, गोली, बन्दूक़ से दमन किया जाने लगा है। लेकिन हमारे हक़ की लड़ाई अब अन्तिम दौर में पहोँच चूकी है। अब हमे गाँधी जी का पाँचवाँ मंत्र सम्मान मिलने वाला है। इसके लिए हमें धैर्य और संयम से अपनी लड़ाई को अहिंसात्मक तरीक़े से आगे बढ़ाना होगा। हमे कामयाबी ज़रुर मिलेगी। वहीं मंसूर अली पार्क में चल रहे प्रदर्शन मे लगातार लोगों का आना जारी रहा तमाम सामाजिक कार्यकर्ता ,राजनितिक दलों के लोग, बुद्धिजिवियों ने भी एनपीआर एनआरसी और सीएए के खिलाफ आवाज़ बुलन्द की।