निजामुद्दीन मरकज़ में ठहरे 24 लोगो को कोरोना वायरस की पुष्टि, अब तक 7 की मौत
आफताब फारुकी
नई दिल्ली: दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके में बने मरकज़ में हुए धार्मिक कार्यक्रम से अब तक सात कोरोनावायरस मौतों का रिश्ता जुड़ा है, और 300 से ज़्यादा लोगों को कोविड-19 के लक्षणों के बाद टेस्ट किया जा रहा है। मंगलवार सुबह तबलीगी जमात के दिल्ली मुख्यालय, यानी मरकज़ निज़ामुद्दीन को सील कर दिया गया, और वहां रह रहे 800 लोगों को बसों में ले जाकर शहर के अलग-अलग हिस्सों में क्वारैन्टाइन कर दिया गया है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, “अब तक वहां ठहरे हुए 24 लोगों के कोरोनावायरस पॉज़िटिव होने की पुष्टि हो चुकी है। यहां गंभीर अपराध किया गया है…” दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लापरवाही के चलते हज़ारों ज़िन्दगियों को खतरे में डालने के लिए सोमवार को मरकज़ प्रशासन के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया था।
जानलेवा कोरोनावायरस से बचने के लिए लागू किए गए सोशल डिस्टैन्सिंग के सभी नियमों को ताक पर रखकर 100 साल पुरानी छह-मंज़िला इस इमारत में सैकड़ों लोग रुके हुए थे। 13 से 15 मार्च तक यहीं तबलीगी जमात का दो-दिवसीय कार्यक्रम भी हुआ था। तबलीगी जमात इस्लामिक मिशनरी आंदोलन है, जिसकी स्थापना 1926 में की गई थी, और इसके सदस्य सारी दुनिया में फैले हैं।
तेलंगाना में छह लोगों की और श्रीनगर में एक शख्स की मौत हो चुकी है। इनके अलावा यहां से अंडमान एवं निकोबार द्वीप लौटे 10 लोगों में भी कोरोनावायरस की पुष्टि हो चुकी है। इस कार्यक्रम में मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड, नेपाल, म्यांमार, किर्गिस्तान और सऊदी अरब से तबलीगी सदस्यों ने शिरकत की थी। कार्यक्रम में अफगानिस्तान, अल्जीरिया, जिबूती, श्रीलंका, बांग्लादेश, इंग्लैंड, फीज़ी, फ्रांस और कुवैत से भी सदस्य पहुंचे थे।
कार्यक्रम में शिरकत करने वाले लोगों में से कई ने देश के अन्य हिस्सों का भी दौरा किया। इंडोनेशियाई सदस्य कार्यक्रम के बाद तेलंगाना जैसे दक्षिणी राज्यों में गए थे। पिछले सप्ताह श्रीनगर में जिस मौलाना की मौत हुई, वह उत्तर प्रदेश में देवबंद गए थे, और उशके बाद कश्मीर पहुंचकर भी उन्होंने कई कार्यक्रमों में शिरकत की।