दिल्ली हिंसा से नाराज़ अभिनेत्री से नेत्री बनी सुभद्रा मुखर्जी ने छोड़ी भाजपा
आदिल अहमद
नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा में इंसानियत शर्मसार हो रही है। इस हिंसा ने सियासत में भी अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। दिल्ली हिंसा से नाराज बांग्ला फिल्मों की लोकप्रिय अभिनेत्री सुभद्र मुखर्जी ने बीजेपी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। सुभद्रा मुखर्जी ने बंगाली फिल्मों और टीवी सीरियलों में काम कर चुकी हैं। इसके पहले भी उन्होंने यह भी साफ किया था कि वह नागरिकता कानून के खिलाफ नही हैं अगर यह धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करता है। सुभद्रा मुखर्जी ने साल 2013 में बीजेपी ज्वाइन की थी।
सुभद्र ने अपना इस्तीफा बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष को इस्तीफा भेज दिया है। हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि उम्मीद है कि वह एक बार अपने फैसले पर फिर से विचार करेंगी। वहीं मीडिया से बात करते हुए सुभद्रा मुखर्जी ने कहा, मैंने बहुत ही उम्मीदों के साथ पार्टी ज्वाइन की थी। लेकिन हाल ही में हुई दिल्ली में हुई हिंसा, माहौल में हिंसा और घृणा देख मैं बहुत ही अपसेट हूं’। उन्होंने कहा, ‘ धर्म के नाम पर भाई को एक दूसरे का गला क्यों काट रहे हैं? मैं 40 लोगों की मौत के बाद बहुत ही ज्यादा व्याकुल थी।
सुभद्र ने कहा कि वह इस तरह की राजनीति से खुद को नहीं जोड़ना नहीं चाहती हूं जहां लोगों को उनको धर्म के आधार पर पहचाना जाए न कि मानवता के आधार पर। वहीं सुभद्रा के इस बयान पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता शामिक भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी ने कभी विचारधारा के साथ समझौता नहीं किया है। भट्टाचार्य ने कहा कि हमने शरणार्थी और घुसपैठियों के अंतर की बात की है।
उन्होंन कहा, हम भी समेकित भारत में विश्वास करते हैं और दिल्ली में हुई हिंसा में बीजेपी का कोई हाथ नहीं है। भट्टाचार्य ने कहा कि उन्हें मुखर्जी के फैसले के बारे में पहले से ही जानकारी थी। उम्मीद है कि वह इस पर फिर से विचार करेंगी।