अव्यवस्थाओ की मार-मरीज़ बेहाल, अस्पताल के गेट पर हुआ प्रसव, जमीन पर रगड़ता रहा नवजात शिशु
फारुख हुसैन
मोहम्मदी खीरी। हमेशा विवादों में रहने वाला अस्पताल में मंगलवार को फिर एक बड़ी लापरवाही सामने आई, जब एक महिला को अस्पताल के गेट पर ही प्रसव हो गया, लेकिन कथित रूप से जानकारी मिलने के बाद भी डॉक्टर, नर्स या अन्य कर्मचारी ने बाहर आकर प्रसूता को अंदर ले जाने के प्रयास नहीं किए।
प्राप्त समाचार के अनुसार ग्राम मछेछा से आई महिला सावित्री देवी की डिलेवरी अस्पताल के गेट के बाहर हो गई। मगर जिम्मेदार डॉक्टर नर्स या वार्ड बॉय ने बाहर आकर उसको डिलेवरी के लिये अंदर ले जाने की कोशिश नहीं की। यहां तक कि किसी ने गेट पर भी कोई सुविधा उपलब्ध नही कराई। महिला को 102 एंबुलेंस लाया गया था। एंबुलेंस चालक व रहने वाले डॉक्टर की भी इस कार्य में बड़ी लापरवाही दिखाई दी।
इस घटना की जब जानकारी लेने पहुंचे तो पीड़ित कुछ भी बताने को तैयार नहीं थे। अस्पताल में मौजूद लोगों से इस बात की जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि यहां के डॉक्टरों और एंबुलेंस जो लेकर आई थी द्वारा बड़ी लापरवाही हुई है। मामला मीडिया में उछल जायेगा इस वजह से इसको मैनेज करने का काम हुआ है। 3 मीटर तक नवजात शिशु जमीन में रगडता रहा, लेकिन कोई डॉ तत्काल मौके पर नहीं आया। जब महिला का गेट पर ही प्रसव हो गया, उसके बाद उसको उसके पति ने स्ट्रेचर पर लादकर अंदर भर्ती करवाया।
इस संबंध में महिला के पति राम रतन से जानकारी लेना चाहे तो उन्होंने बताया डॉक्टरों की कोई लापरवाही नहीं है मेरी पत्नी पागल है। इसीलिए या घटना घटित हो गई। एक और भी बड़ा सवाल खड़ा होता है, जब पहले ही पता था तो जानकारी डॉक्टरों को पहले से ही क्यों नहीं दी गई। महिला को एंबुलेंस के नीचे क्यों उतरने दिया गया। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि परिवार वाले व उसके पति पर एम्बुलेंस चालक और सदस्यों द्वारा मैनेज करने का दबाव बना रखा गया होगा।
इस संबंध में सीएचसी अधीक्षक डॉ सुरेंद्र कुमार सिंह से जानकारी लेना चाहे तो उन्होंने बताया कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है अभी पता करके बता रहे हैं।