मज़बूरी का सफ़र – दिल्ली से पैदल पलिया पहुंचे युवक
फारुख हुसैन
लखीमपुर खीरी÷ कोराना वायरस के स॔क्रमण से आमजन को बचाने के लिये जहां हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे देश में जहां 21 दिन का लाॅकडाउन किया है जिससे की लोग कोराना जैसी महामारी से बच सके और महामारी को खत्म किया जा सके। जिसके चलते लोगों को पूरी तरह से घरों में ही रहें और यहीं नहीं देश में एयर लाइन्स,रेल सेवा,बस सेवा सहित अन्य एक शहर से दूसरे शहर जाने वाली हर एक सेवाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया है.
जिसके कारण प्रशासन भी पूरी सख्ती दिखा रहा है और लोगों को सड़को पर निकलने में भी पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है। शहरों गावों में छोटे मोटे व्यापार सहित बड़ी क॔पनियों में भी पूरी तरह से पांबदी लगा दी गयी हैं। लेकिन कंपनिया बंद होने से कंपनियों में कार्य कर मजदूरों को परेशानी में डाल दिया है। उनकों अपने वतन (घर) जाने के लिये कोई साधन नहीं मिल रहा है और वह दर दर की ठोकरें खाने में मजबूर हो रहें हैं वह शहरों की सड़को पर भूखे प्यासे मारे मारे फिर रहें हैं जहां उनको इधर से उधर भटकना तो पड़ ही रहा है साथ ही उनको पुलिस की मार भी खानी पड़ रहीं हैं। जिसमें कुछ मजदूर पैदल सफर करके ही अपने वतन जाने की कोशिश में लगे हुए हैं।
इसी के चलते दिल्ली से कई सौ किलोमीटर दूर का सफर पैदल चलकर 13 मजदूर लखीमपुर खीरी जिले के तहसील पलिया पहुंचे। जिसकी जानकारी मिलते ही मौके पर सीओ राकेश कुमार नायक, एसएचओ ने मजदूरों से बातचीत की और मजदूरों के खाने पीने की व्यवस्था करने के बाद उनको घर जाने के लिये एक गाड़ी की व्यवस्था करवाकर उनको उनके घर भिजवाया।
जब हमारें संवाददाता फारूख हुसैन ने मजदूर यूवको से बातचीत की तो उन्होने बताया की वह दिल्ली की एक क॔पनी में काम करते थें लेकिन कोरोना वायरस की बिमारी फैलने के चलते लाक डाउन में कंपनियां बंद कर दी गयी है और आने जाने का संशाधन भी नहीं हैं जिसके चलते हम पैदल ही कई दिनों से दिल्ली से कई सौ किलोमीटर पैदल चलकर आ रहें हैं पैसे न होने और दुकानें न खुलने के कारण हम भूखे प्यासे से वहां से आये हैं और हम लखीमपुर खीरी से होकर पलिया होते हुए ग्राम बिछिया थाना सुजौली जायेगें ,पर पलिया पुलिस प्रशासन ने हमारी मदद की हमें खाना भी खिलाया है और अब वह हमें हमारे वतन भिजवाने की व्यवस्था भी करवा रहें हैं। हमें खुशी हैं अब हम आराम से घर पहुंच कर अपनों से मिल सकेगें वरना न जाने कितने हमें और भटकना पड़ता।
अब बड़ा सवाल यह उठता है कि जहां हमारी यूपी सरकार फंसे लोगों को घर पहुंचाने का जिम्मेदारी उठाने की बात कह रहीं हैं वहीं अब भी न जाने कितने ऐसे लोग हैं जो अभी भी कहीं न कहीं फंसे हुए हैं और आप तस्वीरों में देख सकते हैं कि किस तरह तेरह मजदूर अपने वतन जाने के लिये दिल्ली से चलकर आये हैं वो भी भूखे प्यासे ।अब सोचने वाली बात यह है कि उन मजदूर यूवकों को उनके वतन पहुंचाने के लिये कोई सामने क्यू नहीं आया कि यह जो हमारी यूपी सरकार बड़े बड़े दावे कर रही है वह केवल दिखावा है ।फिलहाल जब पलिया कोतवाली पुलिस ने अपना फर्ज निभाया तो क्या और कोई सामने नहीं क्यों नहीं आया और जो आये वो बस उनको परेशान करने के लिये सामने आये।