दोषियों को फाँसी पर लटकाने से विकृत मानसिकता के लोगो मे पैदा होगा ख़ौफ़

गौरव जैन

निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने पर मनाई खुशियां

रामपुर। निर्भया के दोषियों को सुबह फांसी होने पर रामपुर शहर में खुशियां मनाई गई, मिठाई खिलाई गई तो कहीं निर्भया की आत्मा की शांति के लिए मौन रखा गया तथा भगवान से उसकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। युवतियों ने दोषियों को फांसी मिलने पर अलग अलग बात कही।
फैसला देर से सही पर सही न्याय की सराहना सभी तरफ हो रही हैं। ऐसी गंदी सोच और बिगडेल मानसिकता बाले मंदबुद्धिओ के लिये ये बहुत अच्छा संदेश है।आज निर्भया को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की गयी है हम इस फैसले का समर्थन करते हैं। आज जहां महिलाएं घर के साथ साथ बाहर की भी जिम्मेदारी व् खूबी निभा रही हैं समाज मे एसी मानसिकता बाले लोगो की कोई जगह नही हैं।
हमारे देश के कानून-व्यवस्था को और अधिक सक्रिय होना चाहिये।

अंजलि आर्य , पतंजलि योगपीठ

निर्भया बहन को इंसाफ मिला। एडवोकेट सीमा कुशवाहा, निर्भया के माता-पिता और संपूर्ण राष्ट्र को शत शत नमन।
निर्भया के हत्यारों को फांसी दिलाने में एडवोकेट सीमा ने दिन रात एक कर दिया उनको कोटि कोटि प्रणाम। भारत की सभी बेटियों को निर्भया केस के रेपिस्ट को हुई फांसी की हार्दिक शुभकामनाएं। इस फैसले से सभी को बहुत खुशी हुयी है। युवतियों को न्याय पालिका पर अब भरोसा हो गया है कि बलात्कारियो को अब नहीं छोड़ा जाएगा ।

अतरा यादव ,योग शिक्षिका

निर्भया के दोषियों को फांसी मिलने में देर तो जरूर हुई लेकिन इससे अब विकृत मानसिकता वाले लोगों में ख़ौफ़ आएगा और कोई बहन को अब निर्भया नही बनना पड़ेगा।

शुभि अग्रवाल, जीएसटी सलाहकार

निर्भया कांड ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया था । निर्भया के दोषियों को जेल के अंदर की जगह बीच चौराहे पर फांसी पर लटकाना चाहिए था। जिससे कोई भी ऐसा कृत्य करने का अपने मन मे ख्याल भी न ला सके।

शिवि गुप्ता, छात्रा

आज का दिन न्याय का सवेरा लेकर आया और 7 साल के बाद निर्भया के दोषियों को फांसी हुई। मुझे गर्व है उस मां पर जिसने अपने आप को झुकने नही दिया और बलात्कारियों के अधिवक्ताओ के द्वारा बनाये गए सभी चकरिव्यूह को भेद दिया।
खुशी तो है क्योंकि निर्भया को आज न्याय मिला लेकिन दुख इस बात का है कि हमारी न्यायपालिका इतनी लाचार है कि अपना जुर्म कबूल करने के बाद भी दोषियों को फांसी के तख्ते तक पहुचाने में 7 साल लग गए। जिससे साफ होता है कि निर्भया की तरह ही हमारी न्यायपालिका भी पल पल दम तोड़ती होगी क्योंकि हर किसी मे निर्भया की मां जैसी हिम्मत नही होती और लोग प्रायः टूट जाते है। और केस वापिस ले लेते है।
मैं अधिवक्ताओ और कानूनी परिक्रिया में लगे लोगो से अपील करती हूं कि वो इस न्यायप्रणाली में बदलाब लाने के लिए सरकार और न्यायालय पर दबाब बनाएं जिससे बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों को रोका जा सके।

पंखुरी अग्रवाल , सीए

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