हरियाणा में किराना, दवाओं की दुकानें खुलने का समय नहीं होगा निर्धारित, सरकार ने बताई वजह
अब्दुल बासित मलक
यमुनानगर:- हरियाणा सरकार ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश भर में किराना, दवाओं और अन्य जरूरी वस्तुओं की दुकानें खुलने का समय निर्धारित न किया जाए। समय निर्धारित होगा, तो इन दुकानों पर एकदम भीड़ उमड़ेगी, जिससे संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ेगा। लिहाजा जिला प्रशासन इन दुकानों को अधिक देर तक खुला रहने दें। हो सके तो रात तक भी जरूरी वस्तुओं की दुकानों को खुला रखा जाए।
उधर, सरकार ने पुलिस प्रशासन को भी आदेश दिया है कि जरूरी वस्तुओं की खरीद के लिए जा रहे किसी भी व्यक्ति को अनावश्यक तंग न किया जाए, जिससे पुलिस और पब्लिक के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो। इस संदर्भ में मुख्य सचिव ने यह निर्देश सभी मंडल आयुक्तों, जिला उपायुक्तों के साथ कांफ्रेंसिंग से बैठक करके दिए।
हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आंनद अरोड़ा ने सभी मंडलायुक्तों, जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए कि 21 दिनों तक राज्य में पूरी तरह से लॉकडाउन होने की स्थिति में आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही में किसी प्रकार की कोई समस्या न आए और घर-घर तक आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था तैयार की जाए। इसके अलावा, सभी पुलिसकर्मी जो मौके पर मौजूद हैं, वे सोशल डिस्टेसिंग का पालन अवश्य करें। परंतु आवश्यक वस्तुओं की खरीद करने जा रहे आम लोगों को न रोकें और उन्हें पूरी चेकिंग के साथ आने-जाने दिया जाए।
मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूरे देश में 21 दिनों तक घोषित किए गए लॉकडाउन की स्थिति में सबसे बड़ी चुनौती यही है कि किस प्रकार लोगों को उनके घर द्वार तक आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाई जाएं। उन्होंने कहा कि लोग बिल्कुल भी घर से बाहर न निकलें, यह तभी संभव होगा जब उन्हें दैनिक जरूरतों की चीजें उनके घर द्वार पर मिलेंगी।
इसके लिए सभी मंडल आयुक्त, जिला उपायुक्त अपने-अपने जिलों में क्षेत्र या वार्ड अनुसार सब्जी, दूध और परचून विक्रेताओं की लिस्ट और उनके नंबर अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें। ताकि लोग अपने वार्ड अनुसार इन विक्रेताओं से सीधे बात करके आवश्यक वस्तुएं प्राप्त कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि इस समय दूध की आपूर्ति सामान्य दिनों की तुलना में बढ़ानी होगी ताकि दूध की उपलब्धता व आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
जमाखोरी पर भी नजर रखें डीसी
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सभी जिला उपायुक्त अपने-अपने जिलों के व्यापारियों, थोक और खुदरा विक्रेताओं से संपर्क में रहें और सभी प्रकार की आवश्यक वस्तुओं के स्टॉक की उपलब्धता सुनिश्चित करें। ताकि जमाखोरी की कोई गुंजाइश न रहे।
उन्होंने कहा कि किराने और दवाइयों की दुकानें खुली रखें और इनके लिए किसी प्रकार का समय निर्धारित न करें। यदि निर्धारित समय में ये दुकानें खुलेंगी तो लोगों की भीड़ इकट्ठा होती रहेगी, इसलिए भीड़ को रोकने के लिए इन दुकानों को जितना हो सके उतनी देर तक खुली रहने दी जाएं और रात के समय भी इन दुकानों को खोला जाए, ताकि लोग एक समय में इकट्ठा न होकर आराम से इन आवश्यक वस्तुओं की खरीद कर सकें।
सब्जी उत्पादकों को मंडी तक आने दें
मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिए कि सब्जी उत्पादकों को मंडी तक आने दिया जाए और उन्हें वापस जाते समय एक पास या पत्र दिया जाए ताकि खाली गाड़ी को पुलिसकर्मी न रोकें। इसके अलावा, आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही में लगे वाहनों पर आवश्यक वस्तुओं की सेवाएं का एक स्टीकर लगा हो, जिससे नाकों पर पुलिसकर्मी इन वाहनों को बार-बार न रोकें और आपूर्ति श्रृंखला लगातार चलती रहे।
पशुओं का चारा भी जरूरी वस्तु
मुख्य सचिव ने कहा कि इस संकट के समय मनुष्य के साथ-साथ जानवरों व पक्षियों के लिए खाना व चारा भी महत्वपूर्ण तथा आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में आता है। इसलिए जानवरों व पक्षियों के लिए खाना व चारे की भी आवाजाही लगातार बनी रहनी चाहिए। इसके लिए गृह विभाग की ओर से भी पुलिसकर्मियों को विशेष निर्देश दिए जाएं ताकि वे इन वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले वाहनों को न रोकें।
सरकारी राशन डिपो खुले रहेंगे
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत डिपो भी खुले रहेंगे। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि थोक विक्रेताओं को आने वाले सामान की निरंतर आपूर्ति के लिए मैन्युफैक्चरिंग यूनिटों व फैक्ट्रियों को भी खुला रहने की अनुमति दी जाए। इसके अलावा, फूड प्रोसेसिंग यूनिट व पैकेजिंग यूनिटों को भी चलने दिया जाए।
उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तुएं या मैन्युफक्चरिंग यूनिटों के लिए जो कच्चा माल पड़ोसी राज्यों से आता है, उनकी आवाजाही में किसी प्रकार की कोई समस्या या बाधा न आए, इसके लिए पुलिस विभाग पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय स्थापित करके अंतरराज्यीय बॉर्डर पर तैनात पुलिसकर्मियों को विशेष दिशा-निर्देश जारी करे।
बेघर, दिहाड़ी मजदूरों के घरों तक पहुंचाएं राशन
बेघर और दिहाड़ी मजदूरों को राशन पहुंचाना और यदि आवश्यक हो तो खाना बनाकर भी उनके घर द्वार तक पहुंचाना सुनिश्चित करें। यदि आवश्यक हो तो वीटा बूथों पर हैफेड के सहयोग से आटा, चावल, तेल इत्यादि के स्टॉक की व्यवस्था भी की जाए। सामान्य बीमारियों या समस्यों जैसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हृदय संबंधी समस्याओं के लिए सामान्य रूप से मिलने वाली दवाओं की भी उपलब्धता व आपूर्ति सुनिश्चित की जाए ताकि लोगों में घबराहट के हालात न पैदा हों।
तीन डीएसपी 24 घंटे स्टेट कंट्रोल रूम में बैठेंगे
बैठक में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजय वर्धन ने बताया कि 3 डीएसपी अलग-अलग शिफ्टों में राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम में बैठेंगे और प्रदेशभर से आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही से संबंधित किसी प्रकार की कोई समस्या आएगी तो ये अधिकारी मौके पर निर्णय लेकर संबंधित उपायुक्त और एसपी से बात करके समस्या को हल करेंगे।