अब दुधवा के डीडी व वार्डन के बीच शुरु हुई जंग, वार्डन ने लगाया उत्पीड़न का आरोप
फारुख हुसैन
पलियाकलां-खीरी। डिप्टी डायरेक्टर पर दुधवा के वार्डन एसके अमरेश ने उत्पीड़न व उन्हें फंसाने का आरोप लगाते हुए प्रमुख वन, मुख्य वन संरक्षक व फील्ड डायरेक्टर को शिकायती पत्र भेजकर स्थानान्तरण की दरकार लगाई है।
दुधवा टाइगर रिजर्व में पूर्व में तैनात डीडी महावीर कौजलगि के स्थानान्तरण के बाद मनोज सोनकर को दुधवा के डिप्टी डायरेक्टर पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उनकी तैनाती के कुछ दिन बाद से ही उन पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कर्मचारियों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इतना ही नही भाजपा विधायक रोमी साहनी ने भी डीडी मनोज सोनकर पर उसके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर उनके स्थानान्तरण की मांग रखी थी। दुधवा के कर्मचारियों, विधायक के बाद अब वार्डन एसके अमरेश ने प्रमुख वन संरक्षक, मुख्य वन संरक्षक व फील्ड डायरेक्टर को पत्र भेजकर डीडी पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
वार्डन के द्वारा भेजे गये पत्र में आरोप लगाया गया है कि डीडी मनोज सोनकर अधोहस्ताक्षरी प्रभाग के अधिकतर कर्मचारियों, दैनिक वेतन भोगियों से अभद्र व्यवहार करते हैं। इतना ही नही वह अपने साथ जो राजकीय रिवाल्वर व चाकू रखते हैं उससे भी फिल्ड स्टाफ को मारने की धमकी देते रहते हैं। डीडी के इसी रवैये के चलते दुधवा का स्टाफ इनके खिलाफ तीन बार कार्य बहिष्कार कर चुका है। लगातार विवाद के चलते कर्मचारी जंगल की सुरक्षा कम कर पाते हैं और नौकरी सुरक्षित रखने में अपनी ऊर्जा अधिक खर्च करने पर विवश रहते हैं।
पत्र में बताया गया है कि तत्कालीन डीडी के कार्यकाल की उपेक्षा डीडी मनोज सोनकर के कार्यकाल में कटान के मामले भी अधिक प्रकाश में आये हैं। जिसकी पुष्टी एच-वन से भी हो सकती है। वार्डन ने बताया कि डीडी मनोज सोनकर उनसे ही आये दिन अभद्र व्यवहार करते हैं। जिसके चलते वह मानसिक तनाव में रहते हैं। उच्चाधिकारियों को भेजे गये पत्र में दुधवा के वार्डन एसके अमरेश ने डीडी मनोज सोनकर पर आरोप लगाया है कि दो मार्च को डीडी मनोज सोनकर को कहीं से पटाखे की आवाज आई तो उन्होंने पुलिस को फोन करके उन्हें पकड़वाने के लिये लगभग दो गाड़ी पुलिस भेज दी और नुकसान पहुंचाने का पूरा प्रयास किया। कहा कि इस वाक्ये से विभाग की छवि भी धूमिल हुई उनका व कर्मचारियों का राजकीय कार्यों के प्रति मनोबल भी टूटा है।