कोरोना का कहर – भारत में संक्रमितो की संख्या पहुची 14792, 24 घंटो में ही इस वायरस ने लील लिया 36 जाने, पढ़े देश के अन्य हिस्सों का हाल और सम्बंधित खबरे
आदिल अहमद
नई दिल्ली। कोरोना का कहर पूरी दुनिया में नाजिल हो रहा है। इस कड़ी में अपना वतन भी अछूता नही है और लॉक डाउन के बावजूद भी ये वायरस अपना कोहराम मचाये हुवे है। इस वायरस के कहर से गुजिस्ता 24 घंटो में ही 36 जिंदगियो ने मौत की नींद में खुद को सुला लिया।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या बढ़कर 14792 हो गई है। वहीं, पिछले 24 घंटों में कोरोना के 957 नए मामले सामने आए हैं और 36 लोगों की मौत हुई है। देश में कोरोना से अब तक 488 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, इन सबके बीच हम सबके दिलो दिमाग को राहत देने वाली भी एक खबर है। राहत वाली बात यह है कि 2015 मरीज इस बीमारी को हराने में कामयाब भी हुए हैं।
भारत की नौसेना तक पंहुचा यह जानलेवा वायरस
ताज़ा प्राप्त समाचारों के अनुसार मुंबई में 15 से 20 नौसैनिकों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिसके बाद उन्हें शहर स्थित नौसेना के अस्पताल में क्वारंटाइन कर दिया गया है। सभी सैनिक INS आंग्रे से जुड़े हैं। INS आंग्रे मुंबई के तट पर मौजूद है। यह पश्चिमी नौसेना कमान के तट पर मौजूद लॉजिस्टिक और एडमिनिस्ट्रेटिव सपोर्ट बेस है। नौसेना के अधिकारी उन लोगों का पता लगा रहे हैं, जो संक्रमित नौसैनिकों के संपर्क में आए हैं।
मई में सबसे ज्यादा बढ़ सकते हैं कोरोना के मामले
देश में कोरोनावायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। गृह मंत्रालय से जुडे़ सूत्रों की मानें तो सरकार का आंतरिक आकलन है कि भारत में कोरोना के मामले मई के पहले हफ्ते में अपने चरम पर होंगे। इसके बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या कम होने लगेगी। जिन राज्यों ने सबसे पहले लॉकडाउन शुरू किया था, उनमें कोरोना संक्रमितों की संख्या व अन्य मुश्किलें कम होंगी। राजस्थान, पंजाब और बिहार सरकार ने कोरोना के मामलों को देखते हुए पहले ही लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। उत्तर प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र की तुलना में इन राज्यों में कोरोना के कम मामले सामने आए हैं।
नीतीश कुमार ने विशेष बसें भेजने का किया विरोध
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विशेष बसें भेजने के फैसले को गलत ठहराया है। उन्होंने कहा – जैसे विशेष बसें कोटा से छात्रों को लाने के लिए चलायी जा रही हैं वो लॉकडाउन के पूरे कॉन्सेप्ट के साथ अन्याय है। बीजेपी के प्रमुख सहयोगी नीतीश कुमार योगी आदित्यनाथ के इस कदम के खिलाफ पहले भी मुखर रहे हैं और इसको लेकर उन्होंने कहा था कि ऐसे समय में जब सोशल डिस्टेंसिंग आवश्यक है और किसी भी तरह से भीड़ का इकट्ठा होना हालात को बिगाड़ सकता है।